अमेरिका की एक अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है. राष्ट्रपति बनते ही उन्होंने बर्थराइट सिटिजनशिप को समाप्त करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन किया था. 20 फरवरी के बाद ऐसे लोगों के लिए नागरिकता का रास्ता बंद हो जाने का डर था, जिनको माता-पिता के अमेरिकन न होने के बावजूद जन्म के आधार पर अमेरिका की नागरिकता मिल जाती थी. हालांकि, कोर्ट ने ट्रंप के आदेश को स्पष्ट रूप से 'असंवैधानिक' करार दिया.
बर्थराइट सिटिजनशिप पर ट्रंप के फैसले के खिलाफ डेमोक्रेट्स के नेतृत्व वाले चार राज्यों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले की सुनवाई के बाद यूएस डिस्ट्रिक्ट जज जॉन कॉफनर ने ट्रंप को इस आदेश को लागू करने से रोक दिया. कोर्ट ने एक आदेश में ट्रंप के ऑर्डर पर अस्थायी रूप से रोक लगाई है.
यह भी पढ़ें: 'यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए जल्द से जल्द पुतिन से मिलना चाहता हूं', दावोस फोरम में बोले राष्ट्रपति ट्रंप
ट्रंप 20 जनवरी को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी, और तभी उन्होंने बर्थराइट से संबंधित नागरिकता के नियमों को समाप्त करने का आदेश जारी किया था.
डोनाल्ड ट्रंप के आदेश का किसपर पड़ता असर?
डोनाल्ड ट्रंप का आदेश 20 फरवरी से लागू होना था. फेडरल जज का आदेश डेमोक्रेट्स के नेतृत्व वाले राज्यों और सिविल राइट्स ग्रुप्स की याचिका पर आया, जिसमें ट्रंप के कार्यकारी आदेश को चुनौती दी गई थी. डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को शपथ लेने के बाद अमेरिकी एजेंसियों से ऐसे बच्चों की नागरिकता स्वीकार नहीं करने का आदेश दिया था, जिनके न तो माता और ना ही पिता अमेरिकी नागरिक हों.
यह भी पढ़ें: 'तेल की कीमत कम करे सऊदी अरब... अमेरिकी निवेश को 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ाए', दावोस में बोले ट्रंप
कोर्ट ने माना ट्रंप का ऑर्डर 14वें संशोधन के खिलाफ
वाशिंगटन, एरिजोना, इलिनोइस और ओरेगन जैसे डेमोक्रेटिक शासित राज्यों ने कहा कि ट्रंप का आदेश अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के नागरिकता खंड में निहित अधिकार का उल्लंघन है. इसमें प्रावधान है कि अमेरिका में जन्मा कोई भी शख्स देश का नागरिक है. उन्होंने कहा, "यह मेरे दिमाग को झकझोर देता है. यह स्पष्ट रूप से असंवैधानिक आदेश है."