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I Have A Dream... यह दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक अधिकार कार्यकर्ताओं में से एक मार्टिन लूथर किंग जूनियर का 1963 का वो कालजयी भाषण है, जिसने अमेरिका के सबसे बड़े सिविल राइट मूवमेंट की दिशा बदलकर रख दी थी. इसने नस्लवाद की गर्त में धंस चुके सामंतवादी अमेरिका की चूल्हें हिलाकर रख दी. इस दौरान श्वेतों के वर्चस्व वाली जमीं पर अश्वेतों के लिए समानता और न्याय की मांग को धार मिली. ये वो दौर था, जब नस्लीय हिंसा और अश्वेतों पर पुलिस की क्रूरता झकझोर देने वाली थी. इन परिस्थितियों ने एक ऐसी पार्टी को खड़ा कर दिया, जिससे आने वाले समय में देश की खुफिया एजेंसी FBI तक खौफजदा हो गई थी.
एफबीआई के लिए आंख का कांटा बनने वाली इस पार्टी का नाम ब्लैक पैंथर पार्टी (Black Panther Party) था. दरअसल 21 फरवरी 1965 की एक घटना ने इस पार्टी की नींव रखी थी. न्यूयॉर्क सिटी में अफ्रीकी अमेरिकी मानवाधिकार कार्यकर्ता और सिविल राइट मूवमेंट का चेहरा रहे मैल्कम एक्स (Malcom X) की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. मैल्कम की मौत अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय को हताश कर गई. इससे आहत होकर अगले साल 1966 में कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे दो स्टूडेंट्स ह्यू पी. न्यूटन और बॉबी सील ने ब्लैक पैंथर पार्टी खड़ी कर दी. शुरुआत में अश्वेतों की इस पार्टी को बहुत कम लोगों ने गंभीरता से लिया. लेकिन समय के साथ-साथ इससे जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या में तेजी से इजाफा होने लगा.
यह अमेरिकी इतिहास का वह कालखंड था, जो नस्लवाद, पुलिस की बर्बरता और आर्थिक शोषण से पटा पड़ा था. ब्लैक पैंथर पार्टी के सदस्य काले रंग की जैकेट और बैरेट कैप पहनते थे, जो उनके संघर्षों और सामुदायिक पहचान का प्रतीक थी. जब पार्टी के सदस्य काले रंग की जैकेट और बैरेट कैप में सड़कों पर निकलते थे तो लोगों की नजरें उन पर ठहर जाती थीं.
लेकिन काले कोट का ही चुनाव करने की स्ट्रैटेजी काफी दिलचस्प है. ब्लैक पैंथर पार्टी पर 2015 में 'द ब्लैक पैंथर्स: वैनगार्ड ऑफ द रिवोल्यूशन' के नाम से एक डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी हैं, जिसके निर्देशक स्टैनली नेल्सन बताते हैं कि ह्यू न्यूटन और बॉबी सील ने पार्टी के ड्रेस कोड के लिए काले रंग की जैकेट और बैरेट कैप को इसलिए चुना क्योंकि यह आसानी से उपलब्ध थी और लगभग हर किसी की वॉर्डरोब में होती थी.
चमड़ी के रंग से दिक्कत क्यों है?
Freedom, Equality and Justice जैसे सिद्धांतों पर खरा उतरने का ढिंढोरा पीटने वाले अमेरिका की जड़ें नस्लवाद के खून से सनी पड़ी हैं. देश का इतिहास नस्लीय भेदभाव और हिंसा का प्रमाण है. 17वीं शताब्दी में अफ्रीकियों को गुलाम बनाकर अमेरिका लाने से लेकर उन्हें मानवाधिकारों से वंचित रखने तक का इतिहास बताता है कि गोरी चमड़ी से प्यार करने वाले इस मुल्क को काली चमड़ी से दिक्कत तो है.
अमेरिकी पुलिस का इतिहास असंख्य जॉर्ज फ्लॉइड के खून से सना हुआ है. इसी नस्लीय हिंसा और पुलिस की क्रूरता से आहत होकर ब्लैक पैंथर पार्टी ने 10 Point Programe शुरू किया. इस प्रोग्राम के तहत कई लिबरेशन स्कूल भी खोले गए, जिनमें बच्चों को अश्वेत लोगों के इतिहास से रूबरू कराया जाता था. लेकिन एफबीआई की नजरें आकर ठहर गईं Free Breakfast Programe पर. नस्लीय और आर्थिक शोषण के विरोध में शुरू हुए इस प्रोग्राम से एफबीआई सहज नहीं थी. पार्टी के Free Breakfast Programe पर एफबीआई की गिद्ध जैसी नजरें थीं.
Free Breakfast Programe की शुरुआत 1969 में की गई थी. अमेरिका का यह प्रोग्राम तेजी से 45 से ज्यादा शहरों में फैला. मकसद साफ था समाज के गरीब और भूखे बच्चों को मुफ्त में नाश्ता कराना. पार्टी स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए रोजाना नाश्ते का इंतजाम करती थी. देखते ही देखते इस प्रोग्राम ने पूरे अमेरिका में सुर्खियां बटोर लीं. इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ब्लैक पैंथर पार्टी की इस मुहिम में चर्च तक शामिल हो गए और गरीब बच्चों के लिए फ्री ब्रेकफास्ट की व्यवस्था की जाने लगी. इसके लिए सामूहिक किचन तैयार किए गए.
पार्टी ने फ्री ब्रेकफास्ट प्रोग्राम की सफलता के बाद अमेरिकी हेल्थकेयर सिस्टम में असमानता को सार्वजनिक कर 13 शहरों में किफायती दरों पर हेल्थ क्लीनिक भी खोले. लेकिन अन्याय के खिलाफ बिगुल बजा चुकी ब्लैक पैंथर पार्टी के लिए यह रास्ता कांटों भरा था.
FBI को क्यों खटकता था फ्री ब्रेकफास्ट प्रोग्राम?
एफबीआई ब्लैक पैंथर पार्टी को देश के लिए गंभीर खतरा मानती थी. उस समय एफबीआई के निदेशक जे.एडगर हूवर ने एक बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि यह पार्टी समाज के लिए खतरा है और देश में अस्थिरता फैला सकती है. अमेरिकी एक्सपर्ट्स की मानें तो एफबीआई को लगता था कि ब्लैक पैंथर पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता से अश्वेत समाज का आत्मसम्मान बढ़ सकता है और यह समुदाय अमेरिकी सरकार के खिलाफ खड़ा हो सकता है.
ब्लैक पैंथर पार्टी का फ्री ब्रेकफास्ट प्रोग्राम एफबीआई के लिए आंख का कांटा बन गया था. एफबीआई को लगता था कि ब्रेकफास्ट प्रोग्राम उनकी अश्वेतों के खिलाफ क्रूर दमनकारी रणनीतियों को चुनौती दे रहा है. यह प्रोग्राम एक प्रतीक बन गया था कि ब्लैक पैंथर पार्टी सरकार की नीतियों के बिना भी अश्वेतों की आवाज बन बदलाव ला सकती है. इन सभी कारणों से एफबीआई ने ब्रेकफास्ट प्रोग्राम को बंद कराने के लिए हरसंभव प्रयास किए.
जब पार्टी की पत्नियों को FBI भेजने लगी थी गुमना खत...
ब्लैक पैंथर पार्टी का फ्री ब्रेकफास्ट प्रोग्राम लगातार लोकप्रिय होता जा रहा था. इससे खौफजदा एफबीआई और स्थानीय पुलिस ने इस प्रोग्राम को बंद करने के लिए एडी से लेकर चोटी तक का जोर लगा दिया. अमेरिका के बाल्टीमोर में पुलिस और एफबीआई ने उन जगहों पर छापेमारी की, जहां पार्टी ने अगली सुबह के लिए खाने की व्यवस्था की थी. शिकागो के कुछ चर्चों में भी घुसकर नाश्ते को नष्ट किया गया.
एफबीआई एजेंट्स ब्लैक पैंथर पार्टी से जुड़े लोगों की पत्नियों को गुमनाम खत भेजते थे, जिनमें उनके पतियों पर बेवफाई के आरोप लगाए जाते थे. वजह साफ थी कि इससे घबराकर या परेशान होकर लोग पार्टी से जुड़ना बंद कर देंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एफबीआई के एजेंट्स खाने पर पेशाब करने से भी नहीं हिचकिचाए. कई जगहों पर यह अफवाह फैला दी गई कि नाश्ते में जहर मिला हुआ है.
एफबीआई अपनी इस चाल में कुछ समय के लिए कामयाब भी हुई. इन अफवाहों से घबराए लोगों ने पार्टी से दूरी बना ली. वे अपने बच्चों को फ्री ब्रेकफास्ट खिलाने से बचने लगे. लेकिन जिस तरह से धुंध छटने के बाद सूरज की तपिश महसूस होने लगती है. उसी तरह से एफबीआई की फैलाई ये अफवाहें गलत साबित हुईं.
ब्लैक पैंथर पार्टी ने अगले कुछ सालों में फ्री ब्रेकफास्ट प्रोग्राम का नाम बदलकर Survival Programe कर दिया. इसे संयोग कहा जाए या कुछ और अमेरिकी सरकार ने सालों बाद स्कूलों में ब्रेकफास्ट प्रोग्राम के लिए ब्लैक पैंथर पार्टी के इसी पुराने नाम का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया.
विवादों में क्यों रही ब्लैक पैंथर पार्टी?
ब्लैक पैंथर पार्टी यूं तो अश्वेतों के खिलाफ भेदभाव और अत्याचार के साथ-साथ पुलिसिया क्रूरता की वजह से अस्तित्व में आई. लेकिन इसे चरमपंथी गुट के तौर पर भी देखा गया. इस पार्टी के लोग सार्वजनिक तौर पर हथियार रखते थे. अमेरिकी सड़कों पर पुलिस के साथ इनकी मुठभेड़ें आम थीं. सरकार और एफबीआई इन्हें खतरनाक मानती थीं. इस पार्टी को खत्म करने के लिए 1969 में एफबीआई ने एक काउंटर इंटेलिजेंस प्रोग्राम COINTELPRO शुरू किया था, जिसके तहत पार्टी के कई नेताओं को या तो गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया या उन्हें एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया और आखिरकार 1982 में यह पार्टी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गई.
ह्यू न्यूटन से एक रिपोर्टर ने एक बार पूछा था कि अगर कोई श्वेत उनकी ब्लैक पैंथर पार्टी से जुड़ना चाहे तो वह क्या कर सकता है? इस पर न्यूटन ने सधा सा जवाब देते हुए कहा था कि वह अपनी व्हाइट पैंथर पार्टी बना सकता है.
1967 में एफबीआई ने फ्रेड हैम्पटन को देश के लिए खतरा बताया था. चार दिसंबर 1969 में शिकागो पुलिस और एफबीआई के ज्वॉइंट ऑपरेशन में हैम्पटन को मार गिराया गया. उस समय उसकी उम्र सिर्फ 21 साल थी. इस घटना ने अश्वेत समाज को एक बार फिर एकजुट कर दिया. कहा जाता है कि हैम्पटन के फ्यूनरल में 5000 से ज्यादा लोगों की भीड़ जमा हुई थी. यह शायद अमेरिकी इतिहास की इकलौती ऐसी पार्टी थी, जिससे एफबीआई भी डरती थी.