अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2020 के नतीजों पर सियासी खींचतान जारी है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव धांधली का आरोप लगाते हुए दबाव बनाने में लगे हुए हैं. निर्वाचन नतीजों को लेकर अमेरिकी संसद की बैठक से पहले ट्रंप समर्थकों की भीड़ अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग के बाहर एकत्रित हो गई है. ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग पर हंगामा भी किया है. समाचार एजेंसी एपी के अनुसार हंगामा के दौरान एक महिला की गोली लगने से मौत हो गई.
इस बीच दुनियाभर में इस घटना की निंदा की जा रही है. कैपिटल बिल्डिंग में हंगामा पर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि हिंसा कभी भी लोगों की इच्छा पर काबू पाने में सफल नहीं होगी. अमेरिका में लोकतंत्र को बरकरार रखा जाना चाहिए- और यह होगा. वहीं ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन ने ट्वीट किया, अमेरिकी कांग्रेस में अपमानजनक दृश्य. अमेरिका दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए खड़ा है और अब यह महत्वपूर्ण है कि सत्ता का शांतिपूर्ण और व्यवस्थित हस्तांतरण होना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि, "ऐसी परिस्थितियों में यह महत्वपूर्ण है कि राजनीतिक नेता अपने समर्थकों को हिंसा से दूर रहने के लिए, साथ ही साथ लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और कानून के शासन का सम्मान करने की आवश्यकता पर प्रभाव डालते हैं."
बताया जा रहा है कि ट्रंप समर्थक कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए और हंगामा करने लगे. इसके चलते कांग्रेस को मजबूरन अपनी कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. वॉशिंगटन डीसी महापौर ने स्थानीय समयानुसार शाम 6 बजे तक कर्फ्यू का ऐलान किया है. ट्रंप समर्थकों और पुलिस बल के बीच हिंसक झड़प हुई है जिसमें कई घायल बताए जा रहे हैं. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैसे के गोले दागने पड़े हैं. वॉशिंगटन डीसी के पुलिस प्रमुख ने कहा कि ट्रंप समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग में घुसने के लिए पुलिस बल पर रासायनिक पदार्थ फेंके.
हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने समर्थकों से शांति की अपील की है. वहीं हंगामा को देखते हुए नेशनल गार्ड का रवाना किया गया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी ने ट्वीट करके कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर नेशनल गार्ड और दूसरी केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान रवाना कर दिए गए हैं. हम हिंसा के खिलाफ और शांति बनाये रखने के लिए राष्ट्रपति की अपील को दोहरा रहे हैं. वहीं सुरक्षा के मद्देनजर कैपिटल बिल्डिंग को बंद कर दिया गया है.
वहीं राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए जो बाइडेन ने कहा है कि मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आह्वान करता हूं कि वह अपनी शपथ पूरी करें और संविधान की रक्षा करें और इस घेराबंदी को समाप्त करने की मांग करें. बाइडेन ने कहा कि मैं साफ कर दूं कि कैपिटल बिल्डिंग पर जो हंगामा हमने देखा हम वैसे नहीं हैं. ये कानून न मानने वाले अतिवादियों की छोटी संख्या है. बाइडेन ने इसे राजद्रोह करार दिया.
At this hour, our democracy is under unprecedented assault. Unlike anything we've seen in modern times. An assault on citadel of liberty, the Capitol itself. An assault on people's representatives and the Capitol Hill police, sworn to protect them: US President-Elect Joe Biden https://t.co/NSMz9yaHlS
— ANI (@ANI) January 6, 2021
ट्रंप की समर्थकों से शांति की अपील
इस बीच, डोनाल्ड ट्रंप ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हमसे चोरी की गई. यह एक लैंड स्लाइड चुनाव था और हर कोई इसे जानता है, विशेष रूप से दूसरा पक्ष. लेकिन आपको (समर्थकों को) अभी घर जाना है. हमें शांति रखनी होगी. हमारे पास कानून और व्यवस्था है. हम नहीं चाहते कि कोई आहत हो.
असल में, ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग के बाहर हंगामा किया है. यह हंगामा उस समय हुआ जब अमेरिकी कांग्रेस में इलेक्टोरल कॉलेज को लेकर बहस चल रही थी. यहां पर जो बाइडेन की चुनावी जीत की पुष्टि की जानी थी. डोनाल्ड ट्रंप के समर्थक चुनाव रद्द करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प की रिपोर्ट है. वहीं राष्ट्रपति ट्रंप ने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है.
बहरहाल, सीएनएन के मुताबिक ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल बिल्डिंग के बाहर नारेबाजी की. बिल्डिंग के बाहर लगे बैरिकेड्स को तोड़ दिया. हजारों की संख्या में ट्रंप समर्थकों ने उपराष्ट्रपति माइक पेंस पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को वॉशिंगटन का रुख किया. ट्रंप समर्थक माइक पेंस पर राष्ट्रपति के चुनाव परिणामों को पलटने के लिए दबाव बना रहे हैं.
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वहीं उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने जारी बयान में कहा कि उनकी औपचारिक भूमिका वर्ष 2020 के चुनावों में जो बाइडेन की जीत को पलटने की अनुमति नहीं देती. माइक पेंस का बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उन पर जनता के दबाव को जारी रखते हुए वॉशिंगटन डीसी में अपनी रैली में समर्थकों से कहा कि अगर पेंस चुनाव परिणामों को अस्वीकार नहीं करते तो उन्हें बहुत निराशा होगी. माइक पेंस पर ट्रंप और रिपब्लिकन सांसदों की तरफ से काफी दबाव बताया जा रहा था.