अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता की बागडोर संभालने के बाद पहली एशिया यात्रा पर चीन पहुंच अमेरिका-चीन संबंध मजबूत करने के लिए नया फॉर्मूला तैयार कर लिया है. डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दोनों देशों के राष्ट्रीय हितों को सामने रखते हुए 5 अहम मुद्दों पर सहमति जताते हुए रिश्तों को मजबूत करने का यह फॉर्मूला तैयार किया है.
दोनों देशों के बीच हुई शीर्ष स्तर की मुलाकात के बाद जहां शी जिनपिंग ने कहा कि चीन और अमेरिका आपसी रिश्तों की नई एतिहासिक शुरुआत करने जा रहे हैं. वहीं इस मुलाकात की शुरुआत करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पूरी तरह से वन चाइना पॉलिसी का पक्षधर है. इसके साथ ही ट्रंप ने कहा कि दोनों देश मिलकर कई वर्षों तक दुनिया की समस्याओं को निपटा सकते हैं.
पिछले साल चुनाव प्रचार के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक कारोबार क्षेत्र में चीन द्वारा अमेरिका का बलात्कार किए जानें और चीन को करेंसी के साथ छेड़छाड़ करने वाली अर्थव्यवस्था करार दिया था. लेकिन आज वह 8 नवंबर 2016 को हुए चुनाव का जश्न मनाने के लिए चीन की राजधानी में बैठे हैं और अमेरिका-चीन संबंधों को मजबूत करने का फॉर्मूला तैयार कर रहे हैं.
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप पहले अमेरिकी राष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल के पहले साल में ही चीन का दौरा किया. इसके साथ ही ट्रंप ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ में कसीदे पढ़कर ऐसा करने वाले वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए हैं. लिहाजा, दोनों देशों के लिए यह पहला मौका भी है जब आपसी रिश्तों को मजबूत करने के किसी फॉर्मूले को आजमाया जा सके.
जानें क्या है ट्रंप-जिनपिंग 5 प्वाइंट फॉर्मूला
1. उत्तर कोरिया पर लगाम लगाना
दोनों देशों में सहमति बनी कि नॉर्थ कोरिया को धमकी देने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है. हालांकि नॉर्थ कोरिया के खिलाफ क्या कदम उठाना है इसपर कोई सहमति नहीं बन पाई है. इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि वह नॉर्थ कोरिया की परमाणु क्षमता को खत्म करने के साथ-साथ चाहता है कि चीन नॉर्थ कोरिया के साथ अपने बैंकिंग संबंध को खत्म कर दे. वहीं शी जिनपिंग ने कहा कि वह भी नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन उसका कहना है कि इस समस्या को बातचीत के जरिए खत्म किया जा सकता है.
2. व्यापार घाटा को कम करने की जरूरत
इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी व्यापार नीति में सुधार की जरूरत है क्योंकि मौजूदा समय में दूसरे देशों के मुकाबले व्यापार में पिछड़ रहा है. हालांकि ट्रंप ने व्यापार घाटा के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराने के बजाए अमेरिका की पूर्व सरकारों को जिम्मेदार बताया. वहीं राष्ट्रपति जिनपिंग ने कहा कि दोनों देशों को व्यापार पर लगातार बातचीत के साथ-साथ निवेश पर प्रतिबंधों को कम करने की जरूरत है. दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान अमेरिका और चीन के बीच 253 बिलियन डॉलर की डील्स हुई. यह अमेरिका-चीन रिश्तों में अबतक की सबसे बड़ी कारोबारी डील है.
3. चीन और अमेरिका के बीच तनाव को खत्म करना
दोनों देशों के बीच दक्षिण चीन सागर में विवाद और एशिया प्रांत में अमेरिका की भूमिका को लेकर विवाद रहा. हालांकि इस मुलाकात के दौरान दोनों देशों में सहमति बनी कि उन्हें आपसी विवादों को सुलझाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है. दोनों नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जिनपिंग ने कहा कि प्रशांत महासागर बहुत ही वृहद क्षेत्र है और यहां दोनों चीन और अमेरिका के हितों को समाहित किया जा सकता है.
4. अमेरिका और चीन में मजबूत होगा सैन्य संबंध
दोनों नेताओं की मुलाकात में चीन और अमेरिका के बीच सैन्य रिश्तों को मजबूत करने पर सहमति बनी है. इस सहमति के चलते चीन के राष्ट्रपति जल्द अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस को चीन आने का निमंत्रण देंगे और बाद में चीन से सैन्य डेलिगेशन को अमेरिका भेजने की व्यवस्था की जाएगी. इसके अलावा दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयास करने के लिए खाड़ी देशों समेत अफगानिस्तान में संयुक्त ऑपरेशन पर भी सहमति बनाई है.
5. नई पीढ़ी के बीच मजबूत किए जाएंगे रिश्ते
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि दोनों देशों के बीच युवा जनसंख्या के बीच आपसी संबंधों को मजबूत करने का प्रयास किया जाएगा.