भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम (एनपीसीआईएल) और अमेरिकी कंपनी वेस्टिंगहाउस ने भारत में छह परमाणु बिजली रिएक्टरों पर काम करने पर सहमति जताई है. इसे जून 2017 तक पूरा करने पर सहमति जताई गई है.
व्हाइट हाउस की ओर से मंगलवार को यह जानकारी दी गई. असैन्य परमाणु मुद्दों पर एक दशक पुरानी भागीदारी को नई ऊंचाई पर ले जाते हुए पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी व्हाइट हाउस बैठक के दौरान भारत में छह एपी1000 रिएक्टरों के लिये शुरूआती कार्य शुरू करने की घोषणा का ‘स्वागत’ किया. इन रिएक्टरों का निर्माण वेस्टिंगहाउस करेगी.
सबसे बड़ी परियोजना
व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने परियोजना के लिये प्रतिस्पर्धी वित्त पोषण पैकेज को लेकर भारत और यूएस एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट बैंक के साथ मिलकर काम करने के इरादे को भी रेखांकित किया. परियोजना पूरी होने के बाद यह सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक होगी और अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु समझौते के वादे को पूरा करेगा. साथ ही यह भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने के लिये साझा प्रतिबद्धता को पूरा करेगी.
ओबामा-मोदी ने किया स्वागत
ओबामा और मोदी ने भारतीय परमाणु उर्जा निगम (एपीसीआईएल) और वेस्टिंगहाउस की इस घोषणा का स्वागत किया कि इंजीनियरिंग और स्थल डिजाइन कार्य तुरंत शुरू होगा और दोनों पक्ष जून 2017 तक अनुबंधात्मक व्यवस्था को अंतिम रूप देने के लिये काम करेंगे.
अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार ब्रियान डीज ने कांफ्रेन्स कॉल में संवाददाताओं से कहा कि ये रिएक्टर भारत के लिये स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएंगे और साथ ही हजारों रोजगार सृजित करेंगे.