अमेरिका की एक अदालत ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित एक मामले में उन्हें छूट देने के अमेरिकी सरकार के सुझाव पर जवाब मांगा है. अदालत ने अमेरिकी सरकार से 10 जुलाई तक इस मामले में जवाब देने के लिए कहा है. अमेरिका की संघीय अदालत ने 20 जून को दिए अपने आदेश में कहा, 'अमेरिकी सरकार आरोपी को छूट देने के अपने सुझाव के बारे में 10 जुलाई, 2014 तक जवाब दे सकती है.'
मनमोहन सिंह के खिलाफ यह मामला अमेरिकी सिख संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' (एसएफजे) की ओर से दायर किया गया है. संगठन ने मनमोहन सिंह पर 1990 के दशक में पंजाब में आतंकवाद विरोधी कई अभियानों को सरकारी अनुदान देने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि इस दौरान सुरक्षा बलों की अवैध कार्रवाई में कई हजार लोग मारे गए.
अमेरिकी सरकार ने इस मामले में मनमोहन सिंह को छूट देने का सुझाव दिया था. ओबामा प्रशासन ने अदालत में कहा था कि यह विदेश नीति के क्रियान्वयन की दृष्टि से अमेरिका के हित में और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के आचरण के अनुरूप है कि प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मनमोहन सिंह को इस मामले में छूट दी जाए.
एसएफजे ने मनमोहन सिंह को छूट देने के अमेरिकी सरकार के सुझाव का विरोध करते हुए कहा था कि मनमोहन सिंह अब भारत के प्रधानमंत्री नहीं रह गए हैं और इसलिए उन्हें 'किसी विदेशी सरकार के प्रमुख' के रूप में छूट प्राप्त नहीं है. इसके अलावा, विदेशी अधिकारियों द्वारा 'पद पर रहते हुए' किया गया अपराध विदेशी संप्रभुता उन्मुक्ति अधिनियम (एफएसआईए) के दायरे में भी नहीं आता.
एसएफजे की शिकायत पर मनमोहन सिंह के खिलाफ समन सितंबर 2013 में उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान जारी किया गया था.