लश्कर ए तैयबा के अमेरिका में जन्मे आतंकी एवं मुम्बई हमलों में संलिप्तता के आरोपी डेविड कोलमैन हेडली को अगले साल 17 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी, जबकि उसके साथी तहव्वुर हुसैन राणा की सजा की घोषणा अब चार दिसंबर की बजाय 15 जनवरी को होगी.
शिकागो अदालत के प्रवक्ता रैंडल सैम्बोर्न के अनुसार अमेरिकी जिला न्यायाधीश हैरी लीनेनवेबर दोनों आतंकियों की सजा की घोषणा करेंगे. उन पर 26 नवम्बर 2008 के मुम्बई हमलों तथा डेनमार्क के एक अखबार पर हमले की साजिश में शामिल होने का आरोप है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘राणा की सजा की घोषणा की तारीख में बदलाव किया गया है. उसे अब चार दिसंबर 2012 की बजाय 15 जनवरी 2013 को सजा सुनाई जाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘उन तारीखों (15 और 17 जनवरी) को दोनों को सजा सुनाए जाने संबंधी सुनवाई डिरकसन संघीय अदालत के जिला न्यायाधीश हैरी लीनवेबर के समक्ष सुबह नौ बजकर 45 मिनट पर शुरू होगी.’ हेडली (52) ने मुम्बई हमलों से संबंधित ठिकानों की टोह लेकर लश्कर ए तैयबा की मदद की थी. वह एफबीआई द्वारा लगाए गए सभी आरोपों में अपना गुनाह कबूल कर चुका है.
हेडली को एफबीआई ने कोपनहेगन के एक अखबार के कर्मियों पर हमले की साजिश में शामिल होने का आरोपी बनाया था. बाद में उस पर मुम्बई में बम हमलों की साजिश रचने, आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा को साजो सामान संबंधी मदद मुहैया कराने और मुम्बई हमलों में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित आरोप लगाए गए. उसने 18 मार्च 2010 को इन सभी आरोपों में अपना गुनाह कबूल कर लिया था.
इस आतंकी को भारत में सार्वजनिक स्थानों पर बम हमलों की साजिश रचने और भारत में अमेरिकी नागरिकों की हत्या से संबंधित छह आरोपों में सजा ए मौत मिल सकती थी, लेकिन उसने एफबीआई के साथ सजा में छूट संबंधी समझौता कर लिया. इस समझौते के तहत उसने कहा था कि वह आतंकी गतिविधियों से संबंधित जांच में मदद करेगा.
राणा को जूरी ने 10 जून 2011 को दोषी ठहराया था. उसे डेनमार्क के अखबार पर हमले की साजिश रचने तथा लश्कर ए तैयबा की मदद करने के जुर्म में दोषी ठहराया गया था, लेकिन मुम्बई हमलों की साजिश के मामले में उसे बरी कर दिया गया.
राणा ने खुद को सभी मामलों में बरी किए जाने तथा फिर से मुकदमा चलाए जाने का आग्रह किया था जिसे खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसे सजा सुनाए जाने के लिए चार दिसंबर 2012 की तारीख तय की गई. इस तारीख को बदलकर अब 15 जनवरी 2013 कर दिया गया है.