भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकी समूह आईएसआईएस के लिए भर्ती करने वाले मोहम्मद शफी अरमार को आज अमेरिका ने विशेष वैश्विक आतंकी घोषित किया. अमेरिकी विदेश विभाग की विश्व इकाई ने विशेष वैश्विक आतंकी की अपनी सूची में अरमार को शामिल किया और इसके साथ ही उसके खिलाफ प्रतिबंध लगाने का रास्ता साफ हो गया. अरमार कर्नाटक के भटकल का रहने वाला है. 30 साल के अरमार के खिलाफ इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया जा चुका है. अरमार को 'छोटा मौलो', 'अंजन भाई' और 'यूसुफ अल-हिंदी' नाम से भी जाना जाता है.
अरमार का नाम अब अमेरिकी विदेश विभाग की विश्व इकाई के विदेश सपंत्ति नियंत्रण कार्यालय की सूची में जोड़ दिया गया है जो खासकर देशों एवं आतंकी एवं मादक पदार्थ तस्करों के व्यक्ति समूहों पर आर्थकि प्रतिबंध लगाता है. ये प्रतिबंध अमेरिका की विदेश नीति और राष्टीय सुरक्षा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संपत्तियों पर रोक एवं व्यापार प्रतिबंध का इस्तेमाल करते हुए व्यापक या चुनिंदा दोनों हो सकते हैं. ऐसा कहा जाता है कि भारतीय मुजाहिदीन सदस्यों पर कार्रवाई के बाद अरमार अपने बड़े भाई के साथ पाकिस्तान भाग गया और बाद में वहां अंसार उल तौहीद नाम के एक संगठन का गठन किया जो बाद में आईएसआईएस से जुड़ गया.
आपको बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को मोहम्मद शफी अरमार, ओसामा अहमद अतर और मोहम्मद ईसा यूसूफ साकिर अल बिनाली को विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित करते हुए एक लिस्ट जारी की. इन लोगों पर आरोप है कि ये अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरा हैं और आतंकवाद के काम में शरीक हो सकते हैं. इसके साथ ही अमेरिकी नागरिकों को हिदायत दी गई है कि वे अरमार, अतर और बिनाली से किसी तरह का संबंध ना रखें ना ही कोई डील या सौदा करें. अमेरिका में इन लोगों की संपत्ति को भी ब्लॉक कर दिया गया है.
आपको बता दें कि मोहम्मद शफी अरमार भारत में विदेशी आतंकवादी संगठन का नेता और मुख्य नियोक्ताकर्ता है. अरमार ने भारत में ISIS से सहानुभूति रखने वाले लोगों के कई दर्जन ग्रुप बनाए. ग्रुप के लोग भारत में हुई कई आतंकी गतिविधियों में शरीक हुए. इन लोगों ने अटैक की प्लानिंग, हथियार उपलब्ध कराना, लोकेशन की पहचान कराना और आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप चलाने जैसे कामों में हिस्सा लिया.
ओसामा अहमद अतर आईएसआईएस का वरिष्ठ नेता है और इसने ही यूरोप में आतंकवादी हमलों के लिए पूरा नेटवर्क खड़ा किया था. नवंबर 2015 के पेरिस अटैक और मार्च 2016 में ब्रसेल्स में हुए आतंकी हमले का मुखिया अतर ही था. नवंबर 2015 में हुए पेरिस अटैक के लिए कुछ लोगों को अतर ने नियुक्त किया था. उसी ने उन्हें ट्रेनिंग दी थी और उन्हें पेरिस भेजा था. आपको याद दिला दें कि पेरिस अटैक में कई लोगों की मौत हुई थी और करीब 100 लोग घायल हुए थे जिसमें कुछ अमेरिकी भी शामिल थे. अतर ने ही मार्च 2016 के ब्रसेल्स अटैक में शामिल रहने वाले दो लोगों को नियुक्त किया था और उनको ट्रेनिंग दी थी. इस घटना में 32 लोगों की मौत हुई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे.
मोहम्मद ईसा यूसूफ साकिर अल बिनाली भी आईएसआईएस का एक वरिष्ठ सदस्य है. बिनाली ने आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए बहरीन को 2014 में छोड़ दिया था. वह आईएसआईएस के तमाम प्रोपेगंडा वीडियो में दिखाई देता रहा है. इन वीडियो में बिनाली बहरीन के लोगों (खासकर बहरीन के सुरक्षा बलों के सदस्यों) को ISIS में शामिल होने की बात कहता रहता है.