अमेरिका में जारी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने में अभी भी वक्त लग रहा है. मतदान हुए तीन दिन बीत गए हैं लेकिन अमेरिका का अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा, इसका फैसला नहीं हो सका है. हालांकि, अभी तक की जंग में डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार जो बाइडेन आगे चल रहे हैं और डोनाल्ड ट्रंप पीछे चल रहे हैं. यही कारण है कि डोनाल्ड ट्रंप ने काउंटिंग में घोटाला होने का आरोप लगाया है और नतीजों को मानने से लगभग इनकार कर दिया है.
दरअसल, अमेरिका में ये पहली बार हो रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में मेल इन वोट डाले गए हैं. इस बार करीब दस करोड़ से अधिक वोट लोगों ने इलेक्शन डे के पहले ही डाल दिए और लगभग 6 करोड़ वोट इलेक्शन वाले दिन डाले गए हैं.
मेल इन वोटों पर क्यों शक कर रहे हैं ट्रंप ?
दरअसल, काउंटिंग जब शुरू हुई तो सबसे पहले वो वोट गिने गए जो 3 नवंबर को डाले गए थे. उसके बाद मेल इन वोटों की गिनती शुरू हुई. अब डोनाल्ड ट्रंप का आरोप है कि क्योंकि शुरुआत में वो जीत रहे थे, लेकिन जब मेल-इन वोट खुलने लगे तो बाइडेन बढ़त बनाने लगे.
मेल इन वोटों से कैसे आगे निकले बाइडेन ?
डेमोक्रेट्स पार्टी की ओर से लगातार अपने समर्थकों और वोटरों से कहा गया कि वो मेल के जरिए वोट डालना शुरू कर दें. एक महीने पहले जब मेल द्वारा वोटों को भेजना शुरू किया गया तो बड़ी संख्या में डेमोक्रेट्स समर्थकों ने अपना मत डालना शुरू किया. यही कारण है कि अब जब मेल-इन वोट खुलने लगे हैं तो नतीजे डेमोक्रेट्स के पक्ष में जाना शुरू हो गए हैं.
क्या रही है मेल इन वोटों की प्रक्रिया?
दरअसल, अमेरिका में दो तरीकों से मतदान किया जा सकता है. एक इलेक्शन डे वाले दिन पोलिंग बूथ पर पहुंचकर और दूसरा मेल के जरिए यानी वोट को पोस्ट करके. इसके लिए हर राज्य में अलग नियम हैं और हर राज्य अपने हिसाब से तारीखों का ऐलान करता है. जो भी व्यक्ति मेल इन के जरिए वोट डालना चाहता है, उसे पहले ही रजिस्ट्रेशन करना होता है.
हर राज्य अपने हिसाब से ही मेल वोट रिसीव करने की अंतिम तारीख तय करता है और फिर उसे गिनने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाता है. कुछ राज्यों ने मेल वोट और एक्चुअल वोट एक साथ गिने हैं और कुछ ने पहले 3 नवंबर को डले वोट गिने हैं, बाद में मेल वोट. अभी जिन राज्यों में वोटों की गिनती जारी है, वो अधिकतर डेमोक्रेट्स राज वाले राज्य हैं जहां सबसे अधिक मेल इन वोट डाले गए हैं.