यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका और रूस को अक्सर आमने-सामने देखा जा रहा था. लेकिन, अब एक-दूसरे पर एक्शन लेने का दौर शुरू हो गया है. पहले रूस ने अमेरिका के दो रायनयिक (Diplomats) को निष्कासित और सात दिन के अंदर देश छोड़ने का हुक्म सुनाया. अब अमेरिका ने भी शुक्रवार को जवाबी कार्रवाई की और दो रूसी डिप्लोमैट को निष्कासित कर दिया है और अमेरिका छोड़कर जाने का आदेश दिया है.
बाइडेन सरकार के विदेश विभाग ने कहा, हमने यह कार्रवाई रूस के जवाब में की है. मॉस्को ने दो अमेरिकी राजनयिकों को निष्कासित किया है और देश छोड़ने के लिए कहा है. आरोप लगाया कि यूएस डिप्लोमैट वहां एक रूसी नागरिक के साथ संपर्क में थे. ये नागरिक पहले रूस के व्लादिवोस्तोक शहर में इस साल बंद हो चुके अमेरिकी वाणिज्य दूतावास में काम करता था. बाद में उसे 'मुखबिरी' के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
'गलत कार्रवाई का परिणाम भुगतना होगा'
प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने एक बयान में कहा, हमारे राजनयिकों के उत्पीड़न को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मॉस्को में हमारे दूतावास कर्मियों के खिलाफ अस्वीकार्य कार्रवाइयों के परिणाम भुगतने होंगे. बताते चलें कि यह निष्कासन ऐसे समय में हुआ है, जब यूक्रेन में युद्ध को लेकर वॉशिंगटन और मॉस्को के बीच तनाव बढ़ा है. दोनों देशों के बीच लगातार शीत युद्ध देखा जा रहा है. उसके बाद अब राजनयिक संबंध अपने सबसे खराब स्तर पर पहुंच गए हैं.
'पहले रूस ने अमेरिकी रायनयिकों को निकाला था'
इससे पहले 14 सितंबर को रूस के विदेश मंत्रालय ने मॉस्को में अमेरिकी दूतावास के अधिकारी जेफरी सिलिन और डेविड बर्नस्टीन पर अवैध गतिविधि का आरोप लगाया और उन्हें सात दिनों के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया था. रूसी मंत्रालय ने कहा था कि वे वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी रॉबर्ट शोनोव के साथ संपर्क में थे. शोनोव पर यूक्रेन में रूस की सैन्य कार्रवाई और संबंधित मुद्दों के बारे में अमेरिकी राजनयिकों के लिए जानकारी एकत्र करने का आरोप था.
'अमेरिकी रायनयिकों पर गोपनीय जानकारी जुटाने का आरोप'
रूस की संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने अगस्त में शोनोव की गिरफ्तारी की सूचना दी. एफएसबी ने कहा, आरोपी ने विशेष सैन्य अभियान, रूस की समस्याएं और 2024 के राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जानकारी एकत्र की थी. हालांकि, अमेरिका ने दावों को सिरे से खारिज कर दिया था.