पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से अपनी मुलाकात से पहले कश्मीर मुद्दे के समाधान में अमेरिका से हस्तक्षेप का आग्रह किया.
नवाज शरीफ ने बुधवार को ओबामा से मुलाकात करने के लिए अमेरिका जाने के रास्ते में लंदन में अपने पड़ाव के दौरान संवाददाताओं से कहा, 'हालांकि भारत ऐसा (तीसरा पक्ष) हस्तक्षेप नहीं चाहता है, लेकिन दुनिया की शक्तियों को इस मुद्दे को सुलझाने के लिए शामिल होना चाहिए.'
पाकिस्तान की सरकारी संवाद समिति एपीपी ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्ति से लैस हैं और यह क्षेत्र परमाणु टकराव की आशंका वाला इलाका है.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कश्मीर पर एक सवाल के जवाब में कहा कि जुलाई, 1999 में कारगिल संघर्ष के समय अपनी अमेरिकी यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से साफ कह दिया था कि यदि अमेरिका हस्तक्षेप करे, तो कश्मीर मुद्दा सुलझ सकता है. उन्होंने कहा, ‘मैंने उनसे कहा था कि वे जितना समय पश्चिम एशिया मुद्दा सुलझाने पर ख़र्च कर रहे हैं, उसका 10 प्रतिशत भी समय दें, तो दोनों देशों के बीच कश्मीर का मुद्दा सुलझ जाएगा.’ उन्होंने कहा कि क्लिंटन ने तब वादा किया था, लेकिन उसके बाद चीजें बदल गईं.