अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पाकिस्तान को 'आतंकवाद की जननी' बताए जाने वाले बयान पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है. अमेरिका ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपने गहरे मतभेदों को सुलझाने के लिए रास्ते तलाशने चाहिए.
व्हाईट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी जोश अर्नेस्ट ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "मैं स्वीकार करता हूं कि मुझे उन कॉमेन्ट पर ब्रीफ नहीं किया गया है. मैं जो साधारण परिप्रेक्ष्य में कह सकता हूं वो ये है कि हमें भारत और पाकिस्तान को प्रोत्साहित करना चाहिए कि वे विभिन्न मुद्दों पर अपने गहरे मतभेदों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए रास्ते तलाशें."
अर्नेस्ट ने ये जवाब उनसे ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी के कमेंट से जुड़े सवाल पर दिया. अर्नेस्ट ने कहा, हमने यहां कई मौकों पर विचार किया है कि पाकिस्तान में चरमपंथियों से बड़ा खतरा मौजूद हैं. हमने वास्तव में देखा है कि पाकिस्तानी लोगों को कई बार चरमपंथियों की गतिविधियों की वजह से पीड़ित होना पड़ा है.
अर्नेस्ट ने कहा कि जहां तक क्षेत्र में साझा सुरक्षा चिंताओं का सवाल है तो अमेरिका और पाकिस्तान का रिश्ता अहम है. खास तौर पर चुनौती चरमपंथी गुटों से चुनौती का सामना करते वक्त.
अर्नेस्ट ने साथ ही कहा कि अमेरिका और भारत का रिश्ता भी बहुत महत्वपूर्ण है. साथ ही अमेरिका और भारत के बीच प्रभावी रिश्ता और दोस्ती के भी बहुत मायने हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के नागरिकों को ना सिर्फ साझा सुरक्षा चिंताओं बल्कि एक- दूसरे से जुड़ी अर्थव्यवस्थाओं के संबंध में लाभ उठाने का मौका दिया.
अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 'कामयाबी से जूझने' में सफल रहा है लेकिन ओबामा प्रशासन का मानना है कि इस्लामाबाद को इस दिशा में और भी बहुत कुछ करना चाहिए.