कल तक जो नरेंद्र मोदी यहां अवांछित थे, अपनी शानदार जीत के बाद अब अमेरिकी मीडिया के चहेते बन गए हैं और वहां उनका इंतजार भी हो रहा है.
अमेरिका के तीन बड़े प्रकाशन- टाइम, न्यूयॉर्क टाइम्स और वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम मोदी के दौरे के पहले उनका 'मोदी कुर्ता' सुर्खियों में आ चुका है. टाइम पत्रिका ने लिखा है कि भारत के नए प्रधानमंत्री देश के नए फैशन ऑइकॉन हैं. उसने लिखा है कि शॉर्ट ट्यूनिक या मोदी कुर्ता पहने हुए मोदी काफी सराहे जा रहे हैं, ठीक वैसे जैसे वह अपने बुरे अतीत के लिए जाने जाते हैं. पत्रिका ने लिखा है कि बलगारी के काले चश्मे और मोवादो की घड़ी पहनने वाले मोदी अपने स्टाइल के लिए जाने जा रहे हैं. पत्रिका ने लिखा है कि गुजरात राज्य में उनके नेतृत्व में शानदार आर्थिक विकास हुआ, लेकिन 2002 में उनकी भूमिका के कारण उनसे सवाल पूछे जा रहे हैं. हालांकि पत्रिका ने यह भी लिख दिया है कि उन्हें अदालत ने सभी आरोपों से मुक्त कर दिया.
उसने लिखा है कि भारत में जहां नेता अपने पहरावे को संवाद के माध्यम के रूप में विदेशियों से ज्यादा इस्तेमाल करना जान गए हैं, मोदी हर दृष्टि से सबसे अलग हैं. अपने पर्सनल स्टाइल को अपने राजनीतिक प्लेटफॉर्म से जोड़ने में मोदी सबसे अलग दिखते हैं.
पत्रिका ने लिखा है कि मोदी कुर्ता सौन्दर्य नहीं बल्कि मूल्य का एक सेट है. इसमें ही उसका आकर्षण है.
न्यूयॉर्क टाइम्स ने नरेंद्र मोदी में एक ऐसा नेता देखा है जो वह हैं वही वह पहनते हैं. उसने लिखा है कि भारत के नए प्रधानमंत्री के इमेज क्राफ्ट और उनके फैशन के अंदाज को केस स्टडी बनाया जा सकता है.
वाशिंगटन पोस्ट ने तो फैशन के मामले में मिशेल ओबामा से आगे मोदी को खड़ा कर दिया है. उसने लिखा है कि मिशेल ओबामा दूर हटो, दुनिया में अब एक नया फोशन ऑइकॉन आ गया है. जी हां, यह व्लादीमीर पुतिन नहीं हैं, यह हैं भारत के नए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. उनके लुक, उनके हैट कलेक्शन और उनके ऑइकॉनिक लंबे ट्यूनिक मोदी कुर्ता के बारे में काफी कुछ लिखा जा चुका है. इसका अपना हैसटैग है. पोस्ट ने यह भी लिखा है कि हालांकि मोदी ने एक हिन्दू राष्ट्रवादी की छवि बना रखी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह यूरोपीय डिजाइनरों के फैन नहीं हैं. कहा जा रहा है कि उनका चश्मा बलगारी का है और उनकी घड़ी मोवादो की है और ये दो ब्रांड उनके भारतीय लुक के विपरीत हैं लेकिन ये उनके प्रो-बिजनेस आइडियोलॉजी से मिलते हैं.
टाइम पत्रिका में एक अन्य लेख में बताया गया है कि मोदी की तुलना मार्गरेट थैचर, रोनल्ड रेगन, एरियल शैरोन, शिंजो ऐब और तंग श्याओपिंग, व्लादीमीर पुतिन तथा तुर्की के रीसीप तैइप्प से की जा रही है.