फिलीपींस के राष्ट्रपति रोद्रिगो दुर्तेते ने देश में अमेरिकी सैनिकों की एंट्री बंद करने की धमकी दी है. उन्होंने उस समझौते को खत्म करने की बात कही, जिसके तहत अमेरिकी सैनिकों को फिलीपींस आने को मंजूरी मिलती है. दुर्तेते ने कहा, 'दक्षिण चीन सागर पर बीजिंग के दावों को अस्वीकार करने के अंतरराष्ट्रीय पंचाट के आदेश को उनका देश नहीं मानेगा, क्योंकि वह इसे चीन पर नहीं थोपना चाहता.'
दरअसल, दुर्तेते को लगता है कि मानवाधिकार संबंधी चिंताओं को लेकर आर्थिक मदद के मुख्य पैकेज को खत्म करने का जो फैसला लिया गया वह अमेरिका का था, यही उनकी नाराजगी की वजह भी है.
वॉशिंगटन ने दुर्तेते प्रशासन की थी आलोचना
अमेरिकी सरकार की सहायता एजेंसी ने इस हफ्ते कहा था कि उसके बोर्ड ने फिलीपींस को दिए जाने वाले विकास सहायता पैकेज के नवीनीकरण पर मत की प्रक्रिया को कानून के शासन और नागरिक स्वतंत्रता संबंधी चिंताओं के पुनरीक्षण तक स्थगित कर दिया है. वॉशिंगटन ने दुर्तेते प्रशासन द्वारा गैरकानूनी मादकद्रव्यों पर रक्तरंजित कार्रवाई की आलोचना की थी, जिसके बाद दुर्तेते ने अमेरिका के खिलाफ अपशब्दों की झड़ी सी लगा दी थी.
फिलीपींस को अमेरिका की जरूरत नहीं
दुर्तेते ने अमेरिकियों को ‘पाखंडी’करार देते हुए कहा था कि फिलीपींस को अमेरिका की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने चीन द्वारा भारी-भरकम आर्थिक मदद की पेशकश के लिए उसकी प्रशंसा भी की थी. दुर्तेते ने कहा,‘राजनीति के इस नाटक में, अब मैं अंतरराष्ट्रीय अदालत के आदेश को अस्वीकार करता हूं. मैं चीन पर कुछ भी थोपना नहीं चाहता.’ओबामा प्रशासन द्वारा दुर्तेते की आलोचना के बाद उन्होंने अमेरिकी बलों को फिलीपींस से बाहर कर देने की धमकी दी थी और इसके साथ ही अपना रूख स्पष्ट कर दिया था.