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अमेरिका से डिपोर्ट भारतीयों का प्लेन आज पहुंचेगा अमृतसर, जानें- अब तक क्या डिटेल आई सामने

अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी. हालांकि, अभी तक विमान में सवार भारतीयों की संख्या को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. C-17 एयरक्राफ्ट में 140 लोगों के बैठने की क्षमता है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

अमेरिका का मिलिट्री प्लेन अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर भारत पहुंचने वाला है. अमेरिकी C-147 प्लेन से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत आ रहा है. 

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अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी. हालांकि, अभी तक विमान में सवार भारतीयों की संख्या को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में 205 अवैध भारतीय प्रवासी हैं. कहा जा रहा है कि इसमें 140 भारतीय पंजाब के ही हैं.

अमेरिका के सैन एंटोनियो से सेना के इस प्लेन ने मंगलवार को उड़ान भरी थी. C-17 एयरक्राफ्ट में 140 लोगों के बैठने की क्षमता है. लेकिन इसे लेकर भारत की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है. 

भारत में अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने भारतीयों को लेकर आ रहे अमेरिकी प्लेन पर सीधे तौर पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा कि अमेरिका अपने इमिग्रेशन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेज रहा है.

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प्लेन कहां होगा लैंड?

अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने डिपोर्टेशन फ्लाइट की जानकारी साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका अपनी सीमाओं की सुरक्षा बढ़ा रहा है, इमिग्रेशन कानूनों को सख्त कर रहा है और अवैध प्रवासियों को देश से निकाल रहा है. इस एक्शन से स्पष्ट संदेश गया है कि अवैध प्रवासियों पर अमेरिकी सरकार बेहद गंभीरता से लेने जा रही है.

कहा जा रहा कि भारतीयों को लेकर आ रहा अमेरिकी सेना का एयरक्राफ्ट बुधवार सुबह अमृतसर या आसपास के किसी भी सैन्यअड्डे पर लैंड कर सकता है. लेकिन इसे लेकर किसी तरह की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है.

प्लेन में किन-किन राज्यों के भारतीय सवार हैं?

अमेरिका का ये मिलिट्री प्लेन आज दोपहर 12.30 से एक बजे के बीच अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड कर सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस प्लेन में पंजाब से लगभग 30, हरियाणा से 50, गुजरात से 33 भारतीय सवार हैं. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और चंडीगढ़ के भी लोग हैं.

बता दें कि ट्रंप सरकार अवैध प्रवासियों को ले जाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल करती रही है. इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास में भी अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासियों को भेजा गया था. 

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मालूम हो कि 27 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर हुई बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका से अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भारत बुलाने के लिए भारत सही कदम उठाएगा. अनुमान के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 18000 अवैध प्रवासी भारतीय हैं, जिन्हे भारत डिपोर्ट किया जाना है. ट्रंप के सत्ता में आने के बाद भारत सरकार ने इस समस्या को सुलझाने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई थी. 

बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास के अवैध प्रवासियों को भी उनके मुल्क भेज दिया था. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने टेक्सास के अल पासो और कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में हिरासत में रखे गए 5000 से अधिक अवैध अप्रवासियों को भी उनके देशों में भेजना शुरू कर दिया है.

प्यू रिसर्च सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 7.25 लाख अवैध भारतीय अप्रवासी रहते हैं. यह आंकड़ा अवैध प्रवासियों की तीसरी सबसे बड़ी संख्या का है. पहले स्थान पर मेक्सिको और दूसरे पर अल सल्वाडोर है.

पिछले महीने भारत सरकार ने कहा था कि अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे भारतीय नागरिकों को वापस लेने के मामले में भारत हमेशा तैयार रहा है. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा था कि भारत यह जांच कर रहा है कि अमेरिका में कितने भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं और इन्हें वापस भेजा जा सकता है या नहीं.

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अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम शुरू किया है. इस प्रोग्राम के तहत ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को उनके मुल्क भेजने की कवायद शुरू कर दी है. पिछले हफ्ते ब्लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि भारत और अमेरिका ने ऐसे लगभग 18000 भारतीयों की शिनाख्त की है, जो अवैध रूप से अमेरिका में रह रहे हैं. 

पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी और अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या का समाधान करने की इच्छा जताई थी.

इनपुट: अरुण बस्सी
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