अमेरिका में बुजुर्ग लोगों को धोखा देने के लिए एक भारतीय नागरिक को 33 महीने की जेल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही 24 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया है. आशीष बजाज नाम के शख्स ने बीते साल चार अगस्त को अपना जुर्म कबूल कर लिया था, जिसके बाद नेवार्क संघीय अदालत ने धोखाधड़ी के आरोप तय किए थे.
कोर्ट ने गुरुवार को आदेश दिया कि आशीष बजाज को न्यू जर्सी समेत पूरे अमेरिका में बुजुर्गों को धोखा देने के मामले में उन्हें 33 महीने की सजा सुनाई. इसके अलावा 2.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया गया. दस्तावेजों के अनुसार, अप्रैल 2020 से अगस्त 2021 तक बजाज और उसके षड्यंत्रकारियों ने विभिन्न बैंकों, ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं और ऑनलाइन भुगतान कंपनियों के धोखाधड़ी रोकथाम विशेषज्ञों के साथ मिलकर पूरे अमेरिका में बुजुर्गों को निशाना बनाया.
स्टिंग ऑपरेशन के नाम पर ठगी
अभियोजकों ने कहा कि आशीष बजाज और उसके साथियों ने पीड़ितों से कहा कि धोखाधड़ी रोकने और अपराधियों को पकड़ने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन में पीड़ितों की मदद चाहिए. उन्होंने बुजुर्ग पीड़ितों को उनके बैंक खातों से पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा और स्टिंग के कुछ दिनों के भीतर ही उनके पैसे वापस करने का झूठा वादा किया. पीड़ितों से यह भी झूठा वादा किया गया था कि एक बार जब वे पैसे भेज देंगे, तो स्टिंग ऑपरेशन के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी होगी. अदालती दस्तावेजों के मुताबिक, उन्होंने भारत, चीन, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात में स्थित विभिन्न बैंकों को अंतरराष्ट्रीय वायर ट्रांसफर भेजे.
करीब ढ़ाई लाख डॉलर की ठगी को अंजाम
पीड़ितों ने संयुक्त राज्य अमेरिका में बजाज के बैंक खातों में एक ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से पैसे भी भेजे. इसके बाद उन्होंने बजाज को कैश और कैशियर चेक कैलिफोर्निया के एक पते पर भेजे. दस्तावेजों के अनुसार, इस योजना के परिणामस्वरूप 250,000 अमरीकी डॉलर से अधिक की ठगी हुई.