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डेनियल पर्ल के हत्यारे की रिहाई का पाक SC ने दिया आदेश, भड़का अमेरिका

द वॉल स्ट्रीट जर्नल के 38 वर्षीय दक्षिण एशिया ब्यूरो के प्रमुख डेनियल पर्ल का अपहरण कर लिया गया था और बाद में उनकी हत्या कर दी गई.

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पाकिस्तान के फैसले से खफा अमेरिका (फोटो- पीटीआई)
पाकिस्तान के फैसले से खफा अमेरिका (फोटो- पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे को मिली रिहाई
  • पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से गुस्से में अमेरिका

अमेरिका ने पत्रकार डेनियल पर्ल के हत्यारे को पाक सुप्रीम कोर्ट से रिहाई दिए जाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन साकी ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि अमेरिका, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खफा है. अल-कायदा से ताल्लुक रखने वाले ब्रिटिश मूल का कुख्यात आतंकवादी अहमद उमर सईद शेख, साल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या मामले में दोषी पाया गया था. लेकिन पाक सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अब उसे रिहा किया गया है. 

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जेन साकी ने कहा कि नृशंस हत्या के मामले में दोषी पाए गए उमर सईद शेख को इस तरह अपराध मुक्त करना और रिहा करना विश्व के सभी आतंकवाद पीड़ित लोगों को अपमानित करने जैसा है. हमारी पाकिस्तान सरकार से मांग है कि इस मामले में रिव्यू किया जाए और उमर सईद शेख के खिलाफ अमेरिका में कानूनी कार्रवाई करने जैसे लीगल ऑप्शन पर भी गौर किया जाए.

इससे पहले गुरुवार को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या मामले में ब्रिटिश मूल के अलकायदा आतंकवादी अहमद उमर शेख को बरी किये जाने के खिलाफ दाखिल अपीलों को खारिज कर दिया. न्यायालय ने इस सनसनीखेज मामले में शेख को रिहा करने का आदेश भी दिया है. अमेरिकी पत्रकार के परिवार ने इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि न्याय का पूरी तरह से मजाक बना दिया गया है. 

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क्या है मामला?

वर्ष 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे. इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी. 

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शेख और उसके तीन सहयोगियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने सिंध हाई कोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सिंध प्रांतीय सरकार की अपील को खारिज कर दिया, जिसमें पर्ल की हत्या के लिए शेख की सजा को समाप्त कर दिया गया था. तीन न्यायाधीशों वाली एक पीठ ने संदिग्ध को रिहा करने का आदेश भी दिया. पीठ के एक सदस्य ने इस फैसले का विरोध किया. 

उसके वकील महमूद शेख ने मीडिया को बताया कि पीठ ने 2:1 बहुमत वाला अपना फैसला जारी करते हुए सिंध हाई कोर्ट के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें अपीलों को खारिज कर दिया गया था और शेख को रिहा करने का आदेश दिया गया था. न्यायालय ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य को भी रिहा करने का आदेश दिया. 

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सिंध हाई कोर्ट की दो जजों वाली एक पीठ ने अप्रैल, 2020 में उमर शेख की मौत की सजा को पलट दिया था और उसे सात साल कारावास की सजा सुनाई थी और तीन अन्य आरोपियों फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को बरी कर दिया था. आतंकवाद निरोधक अदालत (एटीसी) ने इन आरोपियों को पहले आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 

सिंध सरकार और डेनियल पर्ल के परिवार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की थीं. पर्ल परिवार के वकील फैसल सिद्दीकी ने बताया कि पर्ल के माता-पिता रूथ और जुडिया पर्ल ने उस फैसले की निंदा की है जो हर जगह पत्रकारों के जीवन को खतरे में डाल देगा. 

 

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