कश्मीर पर मध्यस्थता के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर अमेरिकी विदेशी मंत्रालय ने सफाई दी है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है. ट्रंप प्रशासन इस बात का स्वागत करेगा कि भारत पाकिस्तान बातचीत की मेज पर बैठें. इसमें अमेरिका मदद के लिए तैयार है. हालांकि, जो इमरान खान कश्मीर मसला अमेरिका के सामने उठा रहे थे, उन्हें आतंकवाद पर मुंह की खानी पड़ी है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में साफ किया है कि भारत-PAK में जो मसला है उसकी असली जड़ पाकिस्तान की ज़मीन पर पनप रहा आतंकवाद है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में आगे कहा है कि अमेरिका मानता है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सफल बातचीत की बुनियाद अपनी सरजमीं पर आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान के निरंतर और अटल कदम पर आधारित होगी.
US State Dept Spox to ANI: We believe foundation for any successful dialogue between India & Pak is based on Pak taking sustained&irreversible steps against terrorists on its territory.These actions are in line with PM Khan’s stated commitments&, Pak’s international obligations.
— ANI (@ANI) July 23, 2019
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान द्विपक्षीय मसला है. अगर दोनों देश बातचीत करते हैं तो ट्रंप प्रशासन इसका स्वागत करता है और मदद के लिए तैयार है. हम उन प्रयासों का समर्थन करेंगे, जो दोनों देशों के बीच तनाव को कम करते हैं और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाते हैं.
US State Department Spokesperson to ANI: We will continue to support efforts that reduce tensions and create an environment conducive for dialogue. This first and foremost means tackling the menace of terrorism. As the President indicated, we stand ready to assist.
— ANI (@ANI) July 23, 2019
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारा मकसद आतंकवाद जैसे खतरे से निपटना है, जैसा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया. हम मदद के लिए तैयार हैं.
#WATCH Washington DC: Pakistan PM Imran Khan and US President Donald Trump reply to journalists when asked on Kashmir. pic.twitter.com/UM51rbsIYF
— ANI (@ANI) July 22, 2019
डोनाल्ड ट्रंप ने किया था यह दावा
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया था कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे (ट्रंप) कश्मीर मामले में मध्यस्थता करने के लिए कहा. ट्रंप ने कहा था, 'मैं प्रधानमंत्री मोदी से दो हफ्ते पहले मिला था और हमने इस मुद्दे पर बात की थी. उन्होंने कहा कि आप मध्यस्थता करेंगे. मैंने कहा किस पर तो उन्होंने (मोदी) कहा कि कश्मीर. उन्होंने (मोदी) कहा कि बहुत सालों से ये विवाद चल रहा है. वो (पाकिस्तान) मुद्दों का हल चाहते हैं और आप भी इसका हल चाहते हैं. मैंने कहा कि मुझे इस मुद्दे में मध्यस्थता करके खुशी होगी.'
...that all outstanding issues with Pakistan are discussed only bilaterally. Any engagement with Pakistan would require an end to cross border terrorism. The Shimla Agreement & the Lahore Declaration provide the basis to resolve all issues between India & Pakistan bilaterally.2/2
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 22, 2019
भारत ने ट्रंप के दावे को किया था खारिज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे पर भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था, 'पाकिस्तान के साथ सभी लंबित मुद्दों पर केवल द्विपक्षीय चर्चा की जाती है. पाकिस्तान के साथ तभी बातचीत होगी जब वह सीमा पार आतंकवाद को खत्म करे. शिमला समझौता और लाहौर घोषणा भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय रूप से सभी मुद्दों को हल करने का आधार प्रदान करते हैं.'