अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव से पहले एक बार फिर से पीएम नरेंद्र मोदी के नक्शे कदम पर चल रहे हैं. भारत में लोकसभा चुनाव के दौरान आपको वो घटनाक्रम याद होगा जब पीएम मोदी ने अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द लगा लिया था. दरअसल तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब राफेल डील में पीएम मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि चौकीदार चोर है, तो पीएम ने अपने नाम के आगे ही चौकीदार लगा लिया था, पीएम मोदी की देखा देखी कई बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अपने नाम के आगे चौकीदार शब्द लगा लिया था. दरअसल पीएम मोदी ने कांग्रेस के आरोपों को ही अपनी ताकत बना ली.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले कुछ-कुछ ऐसा ही किया है. यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत करने के आरोप में ट्रंप के ऊपर महाभियोग चलाया जा रहा है. अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पलोसी ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है. लेकिन इन आरोपों से बैकफुट पर आने के बजाय ट्रंप ने इस मुहिम को करप्शन के खिलाफ जंग का नाम दे दिया है. महाभियोग की परवाह किए बिना ट्रंप ने एक और मामले की जांच के लिए ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन से मदद मांगी है. ये मामला पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस की दखलंदाजी को लेकर है. ट्रंप पर आरोप लगा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए उन्होंने रूस के साथ गोलबंदी की थी. इस चुनाव में ट्रंप कैंडिडेट थे और उन्होंने जीत हासिल की थी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति से 'सीक्रेट फोन'
राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की से फोन पर बात कर उनपर दबाव बनाया कि वे डेमोक्रेटिक नेता जो बाईडन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें. ऐसा न करने पर ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की धमकी दी. 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जो बाईडन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं.
व्हिसल ब्लोअर ने खोली पोल
ट्रंप और राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की के बीच ये वार्ता 25 जुलाई को हुई थी. इसका खुलासा एक व्हिसल ब्लोअर ने किया. इस शख्स ने खुफिया अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी. डेमोक्रेट्स नेताओं का कहना है कि ट्रंप आगामी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए विदेशी सरकार की मदद ले रहे हैं और ये नियमों का उल्लंघन है.
झुकने की बजाय अड़ गए ट्रंप
ट्रंप ने ये स्वीकार किया है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात की थी. लेकिन महाभियोग की बात पर वे अड़ गए हैं. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन के राष्ट्रपति ने कहा है कि उनके ऊपर कोई तनाव नहीं था. यूक्रेन के राष्ट्रपति से बात करने के बाद अब उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पीएम से बात की है और पिछले राष्ट्रपति चुनाव में रूस द्वारा दखल दिये जाने की मामले की जांच के लिए पीएम स्कॉट मॉरिसन से मदद की मांग कर रहे हैं. अमेरिका में ऑस्ट्रेलिया के राजदूत जो हॉकी ने कहा है कि इस मामले में उनका देश अमेरिका की मदद करने को तैयार है.