अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन मुश्किल में हैं. उन पर क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स यानी गोपनीय दस्तावेजों के साथ लापरवाही बरतने का आरोप है.
उनके निजी घर और दफ्तर पर फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी FBI छापे मार रही है. बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में अब तक ढाई दर्जन से ज्यादा गोपनीय दस्तावेज मिले हैं. ये दस्तावेज उस वक्त के हैं, जब बाइडेन उपराष्ट्रपति थे.
20 जनवरी को बाइडेन के निजी घर से FBI ने दस्तावेज बरामद किए थे. ये दस्तावेज डेलावेयर के विलमिंगटन शहर में स्थित बाइडेन के निजी घर के गैराज से मिले थे. वहीं, 12 जनवरी को भी इसी घर के स्टोरेज हाउस से भी कुछ डॉक्यूमेंट्स बरामद किए गए थे. इससे पहले पिछले साल 2 नवंबर को बाइडेन के निजी दफ्तर पेन बाइडेन सेंटर से भी कुछ दस्तावेज मिले थे.
अमेरिकी कानून के मुताबिक, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति को पद से हटने के बाद सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स नेशनल आर्काइव को सौंपना पड़ता है. अगर इनमें से कुछ दस्तावेजों को नष्ट करना है तो उसके लिए लिखित में देना होता है और इसका कारण बताना होता है.
इससे पहले पिछले साल एफबीआई ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित मार-अ-लागो घर से भी क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स बरामद किए थे. ट्रम्प के घर से क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स मिलने पर बाइडेन ने इसे 'गैर-जिम्मेदाराना रवैया' बताया था. पर अब जब बाइडेन के घर और दफ्तरों से भी ऐसे ही गोपनीय दस्तावेज मिल रहे हैं तो उन पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.
पर ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे दुनिया की सबसे ताकतवर शख्सियत में से एक के घर पर एफबीआई छापे मार रही है? उसके पास कौन से पावर हैं? और बाइडेन कैसे इस मुसीबत में फंस गए?
सबसे पहले क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स मतलब क्या?
- द वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स वो होते हैं जिनमें संवेदनशील जानकारी होती है और इनके सबके सामने आने से राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचने का खतरा हो.
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका में इस तरह के दस्तावेज संरक्षित किए जा रहे हैं. ये गोपनीय जानकारी कागजी दस्तावेज, ईमेल, फोटोग्राफ, मानचित्र, चित्र, डेटाबेस या हार्ड ड्राइव में हो सकते हैं. इन तक सिर्फ अधिकृत अधिकारियों की पहुंच होती है.
- क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स को तीन कैटेगरी में बांटा गया है. पहला- 'कॉन्फिडेंशियल', जिसमें संवेदनशील जानकारी नहीं होती लेकिन इसके बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. दूसरा- 'सीक्रेट', जिसमें संवेदनशील जानकारी होती है और इसके बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचने की आशंका रहती है. तीसरा है- 'टॉप सीक्रेट', जिसमें खुफिया जानकारियां होती हैं और इनकी पहुंच बहुत सीमित लोगों तक होती है.
इस पचड़े में कैसे फंस गए बाइडेन?
- पिछले साल नवंबर में बाइडेन के निजी वकीलों को पेन बाइडेन सेंटर से 10 गोपनीय दस्तावेज मिले. उन्होंने इसकी जानकारी व्हाइट हाउस के वकीलों को दी. व्हाइट हाउस ने ये जानकारी नेशनल आर्काइव और रिकॉर्ड एडमिनिस्ट्रेशन को दी.
- दो दिन बाद नेशनल आर्काइव ने इस बारे में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से संपर्क किया. चूंकि मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा था, इसलिए एफबीआई ने जांच शुरू की. एफबीआई डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस से के अंडर आती है. एफबीआई को ये जांचना था कि बरामद दस्तावेज गलती से रखे गए हैं या जानबूझकर. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिड-नवंबर में एफबीआई ने पेन बाइडेन सेंटर में छापा मारा था.
- इसके बाद 20 दिसंबर को बाइडेन के वकीलों ने बताया कि विलमिंग्टन के घर के गैराज से भी कुछ दस्तावेज मिले हैं. वकीलों ने बताया कि ये क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट उस समय के हैं जब बाइडेन उपराष्ट्रपति थे. बाद में एफबीआई ने इन दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया था.
क्या एफबीआई के पास इतनी पावर है?
अमेरिका के प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड एक्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति को पद छोड़ने के बाद सारे गोपनीय और अहम दस्तावेज नेशनल आर्काइव को सौंपने पड़ते हैं ताकि उन्हें संरक्षित किया जा सके. यही नियम उपराष्ट्रपति पर भी लागू होता है.
अमेरिका की जांच एजेंसी FBI कई तरह के मामलों की जांच करती है, जिसमें आतंकवाद, साइबर क्राइम, किडनैपिंग और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अपराध शामिल हैं. जो बाइडेन और डोनाल्ड ट्रम्प, दोनों के ही मामले राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं.
FBI डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अंडर काम करती है. अगर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को लगता है कि किसी मामले से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है तो वो इसकी जांच FBI को सौंप सकती है. हालांकि, मौजूदा राष्ट्रपति के खिलाफ कोई भी कार्रवाई करने से पहले उनकी मंजूरी लेनी होती है.
क्या जेल जा सकते हैं बाइडेन?
अमेरिकी संविधान के मुताबिक, जब तक राष्ट्रपति पद पर हैं, उन्हें न तो जेल हो सकती है और न ही गिरफ्तार किया जा सकता है.
लेकिन, अगर ये साबित हो जाता है कि बाइडेन के घर और दफ्तर से जो गोपनीय दस्तावेज मिले हैं, वो उन्होंने जानबूझकर अपने पास रखे थे, तो उनकी मुसीबत बढ़ सकती है.
हालांकि, विपक्ष चाहे तो बाइडेन के खिलाफ महाभियोग ला सकता है. महाभियोग के जरिए बाइडेन को राष्ट्रपति के पद से हटाया जा सकता है.
क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट्स रखने का आरोप डोनाल्ड ट्रम्प भी लगा है. अगर उनपर प्रेसिडेंशियल रिकॉर्ड एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप साबित हो जाता है तो उन्हें तीन साल की जेल हो सकती है.