अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के बेटे हंटर बाइडेन की आज अदालत में पेशी होगी. उनके ऊपर टैक्स चोरी का आरोप है. इस मामले में ये उनकी पहली पेशी होगी.
हंटर बाइडेन पर 2016 से 2020 के बीच 14 लाख डॉलर की टैक्स चोरी करने का आरोप है. उनपर आरोप है कि उन्होंने अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल पर लाखों डॉलर खर्च किए, लेकिन टैक्स नहीं चुकाया.
प्रॉसिक्यूटर ने आरोप लगाया है कि 2016 से 2020 के बीच 7 मिलियन डॉलर से ज्यादा की कमाई की, लेकिन इस पर टैक्स चुकाने की बजाय उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड्स, ड्रग्स, महंगी कारों, लग्जरी होटल और अपनी लग्जरी लाइफस्टाइलस पर खर्चा किया.
जानकारी के मुताबिक, हंटर बाइडेन लॉस एंजेलिस की मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होंगे. खास बात ये है कि इस मामले की सुनवाई जज अलका सागर कर रहीं हैं, जो भारतीय मूल की हैं. जज अलका सागर भारतीय मूल की पहली महिला हैं, जो मजिस्ट्रेट जज बनीं हैं. जज अलका सागर 2013 से ही मजिस्ट्रेट कोर्ट में जज हैं.
जज अलका सागर ने 1981 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से एंथ्रोपोलॉजी में बीए की डिग्री हासिल की. 1984 में उन्होंने लॉस एंजेलिस के स्कूल ऑफ लॉ से कानून की डिग्री ली. 1987 से उन्होंने कैलिफोर्निया के यूएस अटॉर्नी ऑफिस से अपने करियर की शुरुआत की. 1991 में उन्हें इस ऑफिस में असिस्टेंट से डिप्टी चीफ बना दिया गया. इसके बाद 2001 में उन्हें यहां मेजर फ्रॉड सेक्शन का डिप्टी चीफ नियुक्त कर दिया गया.
यूएस अटॉर्नी ऑफिस ज्वॉइन करने से पहले उन्होंने लॉस एंजेलिस की ही दो लॉ फर्म में अटॉर्नी के रूप में काम किया था. यूएस अटॉर्नी ऑफिस में उन्होंने मनी लॉन्ड्रिंग, टैक्स चोरी और टैक्स धोखाधड़ी जैसे मामलों को संभाला है.
रिपोर्ट के मुताबिक, जज सागर के पूर्व 20वीं सदी की शुरुआत में ही भारत से पूर्वी अफ्रीका जाकर बस गए थे. उनकी जड़ें उत्तर भारत से जुड़ीं हैं. उनका जन्म युगांडा में हुआ था. जज सागर जब पांच साल की थीं, तब उनके माता-पिता अफ्रीका से अमेरिका आकर बस गए थे.