अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत को अमेरिका का मजबूत साझेदार बताते हुए कहा कि वह भारत को जी20 की अध्यक्षता के दौरान अपने दोस्त मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं. भारत को बीते एक दिसंबर से आधिकारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता मिल गई है.
यूएस राष्ट्रपति बाइडेन ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, "भारत अमेरिका का एक मजबूत साझेदार है और मैं भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हूं." इसके साथ ही बाइडेन ने कहा कि दोनों देश जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी साझा चुनौतियों से निपटते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाएंगे.
एकता को और बढ़ावा देने पर करेंगे काम
बीते गुरुवार यानी एक दिसंबर को पीएम मोदी ने कहा था कि जी20 की अध्यक्षता 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' की थीम से प्रेरित होकर एकता को और बढ़ावा देने के लिए काम करेगी. हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर निकाला जा सकता है.
भारत का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी: जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने लिखा- जी20 की अध्यक्षता एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगी. हमारी जी20 प्राथमिकताओं को न केवल भागीदारों बल्कि ग्लोबल साउथ में हमारे साथी यात्रियों के परामर्श से आकार दिया जाएगा. पीएम मोदी की बातें इस बात को रेखांकित करती हैं कि आज की बड़ी चुनौतियों का समाधान आपस में लड़कर नहीं बल्कि मिलकर काम करके किया जा सकता है. भारत का एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा.
नवंबर को पीएम मोदी ने लॉन्च किया था लोगो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को जी-20 का लोगो, थीम और वेबसाइट जारी की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है. जारी किए गए इस लोगो में कमल का फूल भारत की पौराणिक धरोहर, हमारी आस्था, हमारी बौद्धिकता को चित्रित कर रहा है. इस लोगो और थीम के जरिए हमने एक संदेश दिया है. युद्ध के लिए बुद्ध के जो संदेश हैं, हिंसा के प्रतिरोध में महात्मा गांधी के जो समाधान हैं, जी20 के जरिए भारत उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को नई ऊर्जा दे रहा है.
85% GDP का प्रतिनिधित्व करते हैं जी-20 के देश
G20 यानी 20 देशों का समूह, यह दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं. सम्मेलन में आतंकवाद, आर्थिक परेशानी, ग्लोबल वॉर्मिंग, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी मुद्दों पर चर्चा की जाती है. पीएम मोदी ने नवंबर में कहा था कि G-20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85% जीडीपी का प्रतिनिधित्व करता है, जो विश्व के 75 फीसदी व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो तिहाई जनसंख्या समाहित है.