अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आने के बाद पिछले सवा महीने से चल रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया है. अमेरिका का राष्ट्रपति चुनने वाले इलेक्टोरल कॉलेज ने आखिरकार जो बाइडेन को देश का नया राष्ट्रपति और भारतीय मूल की कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति चुन लिया है. इसी के साथ ही निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इन नतीजों के खिलाफ शुरू की गई कानूनी जंग खत्म हो गई है और अमेरिका में शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण का रास्ता साफ हो गया है. पिछले कुछ दिनों से वाशिंगटन समेत कई शहरों में हिंसा की खबरें आ रही थीं.
निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया था. ट्रंप के समर्थक देश में कई जगहों पर अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
अमेरिकी संविधान के मुताबिक इलेक्टोरल कॉलेज ने सोमवार को अपने वोट डाले और राष्ट्रपति पद के लिए जो बाइडेन के पक्ष में मतदान किया. इस दौरान जो बाइडेन को 306 वोट मिले जबकि डोनाल्ड ट्रंप 232 वोट ही हासिल करने में कामयाब रहे. अमेरिका का राष्ट्रपति चुनने वाले इलेक्टोरल कॉलेज में 538 सदस्य है.
बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव 3 नवंबर 2019 को हुए थे, 4 नवंबर से इस चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए थे. यूं तो इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग महज औपचारिकता मात्र होती है, लेकिन इस साल ट्रंप द्वारा चुनाव में धांधली के आरोपों के बाद इस इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग की अहमियत बढ़ गई थी.
इस जीत के बाद राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित जो बाइडन ने कहा कि देश में लोकतंत्र की जीत हुई है. जो बाइडेन ने कहा कि देश के सत्ता के सिद्धातों को दबाने, कुचलने और परखने की कोशिश की गई लेकिन ये अमेरिका के लोकतांत्रिक सिद्धांत झुके नहीं.
जो बाइडेन ने कहा कि लोकतंत्र अमेरिका के लोगों की दिलों में धड़कता है. बाइडन ने उम्मीद जताई कि अमेरिका को आने वाले सालों में शायद फिर इस तरह के लीडर्स न देखने पड़े जो कि सत्ता का दुरूपयोग करते हैं और चुनावों को प्रभावित करने के लिए लोगों को उकसाने का काम करते हैं.
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में जो बाइडेन को 81 मिलियन यानी कि 8 करोड़ 10 लाख वोट मिले हैं. जो बाइडेन अगले साल 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.