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अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ेंगे भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी, ऐलान करते ही चीन को घेरा

भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज के प्राइम टाइम शो पर लाइव इंटरव्यू के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान किया. वह चीन पर निर्भरता को खत्म करने के वादे के साथ चुनावी मैदान में कूद गए हैं. उन्होंने कहा है कि हमें चीन से पूरी तरह से मुक्ति की जरूरत है.

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भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी
भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी

भारतीय मूल की निक्की हेली के बाद अब एक और भारतवंशी ने 2024 का अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. यह शख्स विवेक रामास्वामी हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अपने दावेदारी पेश की है.

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विवेक ने मंगलवार को फॉक्स न्यूज के प्राइम टाइम शो पर लाइव इंटरव्यू के दौरान राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपनी दावेदारी का ऐलान किया. वह योग्यता को फिर से महत्व देने और चीन पर निर्भरता को खत्म करने के वादे के साथ चुनावी मैदान में कूद गए हैं.

रामास्वामी ने कहा कि हम राष्ट्रीय पहचान के संकट के बीच में फंसे हुए हैं, जहां हम लंबे समय तक अपने मतभेदों को साथ लेकर चले हैं कि हम भूल गए हैं कि हम अमेरिका के स्थानीय नागरिकों के समान ही हैं, जो उनकी तरह ही राष्ट्रहित में सोचते हैं.

उन्होंने कहा कि मुझे आज रात यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि मैं इस देश में उन आदर्शों को पुनर्जीवित करने के लिए राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल हो रहा हूं.

विवेक के निशाने पर चीन

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इस दौरान विवेक ने कहा कि हमें अमेरिका में हमारी जिंदगी के हर पहलू में योग्यता को फिर से तवज्जो देनी होगी. इसके साथ ही चीन पर हमारी निर्भरता को पूरी तरह से खत्म करना होगा. 

उन्होंने कहा कि मैं अमेरिका फर्स्ट का प्रचारक हूं. लेकिन अमेरिका को सबसे पहले प्राथमिकता देने से हमें सबसे पहले यह देखना होगा कि अमेरिका क्या है. मेरे लिए यह इस देश के बुनियादी नियम हैं, जो इस राष्ट्र को अभिव्यक्ति की आजादी, सुशासन और लोकतंत्र की ओर ले जाते हैं.

रामास्वामी ने फॉक्स न्यूज को बताया कि जिन लोगों को हम लोकतंत्र में चुनते हैं, उन्हें इस कैंसरग्रस्त संघीय नौकरशाही में फंसने देने के बजाए सरकार चलाने देना चाहिए. यही मेरे संदेश का केंद्र होगा. 

उन्होंने कहा कि अमेरिका को चीन के बढ़ते प्रभुत्व जैसे बाहरी कारकों से खतरा हैं. यह हमारी शीर्ष विदेश नीति के लिए खतरा होगा इसलिए हमें इसका हल ढूंढने की जरूरत है. इसके लिए हमें कुछ बलिदान करने होंगे. हमें चीन से पूरी तरह से मुक्ति की जरूरत है और यह आसान होगा. बेशक इसमें कुछ असुविधा हो सकती है.

उन्होंने कहा कि हमें इस तथ्य पर गौर करना होगा कि चीन हमारे संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है. अगर चीन के बजाए रूस का जासूसी गुब्बारा हमारे आसमान में दिखता तो उसे तुरंत मार गिराया डालता. इसके साथ ही रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगा दिए जाते. लेकिन हमने चीन के मामले में ऐसा क्यों नहीं किया? इसका जवाब साफ है कि हम हमारे आधुनिक जीवन के लिए चीन पर निर्भर है. इस निर्भरता को खत्म करना होगा. 

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बता दें कि इस महीने की शुरुआत में निक्की हेली ने भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अपने दावेदारी पेश की थी. वह साउथ कैरोलिना से दो बार गवर्नर रह चुकी हैं. ट्रंप के कार्यकाल के दौरान वह संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत के पद पर भी थीं. 

विवेक रामास्वामी (37) टेक सेक्टर के बड़े बिजनेसमैन हैं. विवेक रामास्वामी के बचपन में ही उनके माता-पिता केरल से अमेरिका जाकर बस गए थे.  रामास्वामी ने 2014 में रोइवेंट साइंसेज (Roivant Sciences) की स्थापना की थी. उन्होंने 2015 और 2016 के सबसे बड़े बायोटेक आईपीओ की अगुवाई की थी.

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