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डेविड कोलमैन हेडली के प्रत्‍यर्पण से अमेरिका का इनकार

अमेरिका ने आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली को भारत को सौंपने से साफ मना कर दिया है. भारत ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मामले में हेडली के प्रत्‍यर्पण की मांग की थी.

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डेविड कोलमैन हेडली
डेविड कोलमैन हेडली

एटर्नी गैरी एस शप्रियो ने मंगलवार को शिकागो की एक अदालत में बताया कि मुम्बई हमले (26/11) का यह आरोपी अमेरिकी में सरकार एवं किसी भी विदेशी न्यायिक प्रक्रिया में वीडियो कांफ्रेंसिंग या पेशी के माध्यम से सहयोग करने पर भी सहमत हो गया.

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शप्रियो ने हेडली के प्रत्यर्पण से इनकार किया है क्योंकि पाकिस्तान मूल का यह अमेरिकी नागरिक अमेरिका सरकार के समक्ष अपना गुनाह कबूल कर चुका है और उसने अमेरिकी सरकार को सहयोग देने के साथ अमेरिकी जांच एजेंसियों को विभिन्न आतंकवाद संगठनों के बारे में अहम सूचनाएं दीं.

शप्रियो ने 20 पन्ने के दस्तावेज में कहा, ‘जैसा कि अदालत को मालूम है कि हेडली की गवाही से भी तहव्वुर राणा को दोषी ठहराने में मदद मिली. इसके अलावा, हेडली इस बात पर भी सहमत हो गया कि यदि उसे अमेरिकी अटार्नी कार्यालय द्वारा बुलाया जाता है तो अमेरिका में यहां तक कि देश के बाहर किसी भी न्यायिक कार्यवाही में पेशी, वीडियो कांफ्रेंसिंग या अनुग्रह पत्र के माध्यम से अपनी गवाही देने को तैयार है.’

अमेरिका ने लश्कर ए तैयबा के अमेरिका में जन्मे आतंकवादी डेविड हेडली को मुंबई हमले और अन्य आतंकवादी गतिविधियों में उसकी भूमिका के लिये 30 से 35 साल कैद की सजा दिये जाने का अनुरोध किया है.

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अटार्नी जनरल गैरी एस शप्रियो ने अमेरिका सरकार की स्थिति को बताने वाले 20 पृष्ठ के दस्तावेज में कहा कि सरकार का मानना है कि तथ्यों को ध्यान में रखते हुये हेडली के लिए 30 से 35 साल कैद की सजा ठीक रहेगी.

शप्रियो ने कहा, ‘इस बात का कोई सवाल ही नहीं है कि उसका आपराधिक व्यवहार निंदनीय था लेकिन उसके सहयोग का फैसला भी काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसने सरकार के आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों में और सरकार के सिफारिशों में मदद की.’

अमेरिका सरकार 30 से 35 साल सजा दिये जाने की मांग कर रही है जो उसके द्वारा तहव्वुर हुसैन राणा के मामले में मांगी गई सजा से बहुत कम है जिसे संघीय ग्रैंड ज्यूरी ने लश्करे तैयबा की साजोसामान की मदद और कोपेनहेगन में एक डेनमार्क के समाचार पत्र पर हमले की साजिश रचने का दोषी करार दिया है. पिछले सप्ताह अदालत ने राणा को 14 साल जेल की सजा और बाद में रिहा होने पर पांच साल तक निगरानी में रहने की सजा दी है.

अमेरिका सरकार ने कहा, ‘हेडली ने एक भीषण आतंकवादी हमले की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.’ उसने कहा कि भारत में हेडली के टोह लेने से करीब 164 पुरुष, महिलायें और बच्चे मारे गये तथा कई लोग घायल हो गये थे.

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शप्रियो ने कहा, ‘नंवबर 2008 में मुंबई में इतने लोगों के मारे और विनाश के बावजूद हेडली ने दो महीने से कम समय बाद डेनमार्क का दौरा किया ताकि वहां एक और आतंकवादी हमले की योजना बनाने के लिये टोह ली जा सके.’ शप्रियो ने कहा, ‘हेडली ने न केवल वर्षों तक लश्करे तैयबा बल्कि अलकायदा के सदस्यों के निर्देशन में काम किया.’

अमेरिकी अटार्नी ने कहा, ‘इस बात में कोई शक नहीं कि हेडली के बेहद गंभीर अपराध के लिये आजीवन कारावास की सजा उचित रहेगी लेकिन इस चीज को भी ध्यान में रखना चाहिये कि उसने जांच में काफी सहयोग किया.’ इस बीच अमेरिका सरकार ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद हेडली ने जो सूचनायें मुहैया कराई वह सरकार तथा उसके सहयोगियों विशेषकर भारत के लिये अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद से निपटने में काफी महत्वपूर्ण रहीं.

शप्रियो ने कहा, ‘हेडली ने व्यक्तियों, ढांचों, तरीकों, क्षमताओं और लश्कर की योजनाओं के विषय में बताया तथा अन्य आतंकवादियों के बारे में आगे की जांच में सक्रिय होकर मदद की. हेडली के सहयोग ने सरकार को कम से कम सात अन्य व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक आरोपों को दाखिल करने में मदद की और उसके बयान ने एक अन्य सह-प्रतिवादी की दोष सिद्धि में मदद की.’

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उन्होंने कहा कि हेडली ने विदेशी अधिकारियों की जांच में सहयोग किया और पूरे सात दिन तक भारतीय अधिकारियों के सवालों का जवाब दिया तथा सरकार को आशा है कि वह भविष्य में मदद करेगा.

शप्रियो ने कहा कि इसको देखते हुये सरकार अदालत से अनुरोध करेगी कि आजीवन कारावास से कम की सजा दी जाये. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि 30 से 35 साल की सजा दिया जाना उसके घृणित अपराध की प्रवृत्ति और उसके महत्वपूर्ण सहयोग के बीच एक उचित संतुलन होगा.

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