अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई पेंटागन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में आतंवादियों के सुरक्षित पनाहगाह, भ्रष्टाचार और सरकार की सीमित क्षमता अफगानिस्तान की स्थिरता की राह में सबसे बड़ी बाधा हैं.
अफगानिस्तान में सुरक्षा और स्थिरता से संबंधित रिपोर्ट में कहा गया है कि गठबंधन सेना ने अपना मिशन पूरा कर लिया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि हमलों की संख्या में कमी आई है और आतंकवादी गुटों की क्षमता कमजोर हुई है. फिर भी तालिबान और उसके सहयोगी अलकायदा समर्थक कुछ छिटपुट हमले कर सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक मोर्चे पर कुछ प्रगति के बावजूद पाकिस्तान अभी भी समस्या बना हुआ है. आतंकवाद और अलकायदा के सुरक्षित ठिकानों पर अमेरिका का आतंकवाद विरोधी दबाव लगातार बना हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान द्वारा जमीनी संपर्क मार्ग फिर से खोलने के बाद इस्लामाबाद के साथ वाशिंगटन के संबंध सुधरने शुरू हो गए है और पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच सीमा पार के सहयोग के संबंध में उल्लेखनीय प्रगति हुई है.
कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में सघन आबादी वाले इलाकों में सुरक्षा हालात में हुए सुधार को रेखांकित करते हुए कहा गया है कि खास तौर से कंधार में अफगानों पर हमला करने की तालिबान की क्षमता कमजोर हो गई है. कंधार को तालिबान का सामरिक और वैचारिक केंद्र माना जाता है.
लेकिन, कुल मिलाकर रिपोर्ट में सुरक्षा और स्थिरता में प्रगति की मिलीजुली तस्वीर पेश की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा से सटे इलाके अभी भी अशांत बने हुए है.
इस बीच एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि अफगानिस्तान में व्यापक क्षेत्रों में भारत मददगार साबित हो रहा है और हम समझते हैं कि यह बहुत सकारात्मक है.