यूक्रेन युद्ध की गरमा-गरमी के बीच रूस और अमेरिका ने 2 हाई प्रोफाइल कैदियों की अदला-बदली की है. अमेरिका की स्टार बास्केट बॉल प्लेयर ब्रिटनी ग्रिनर को रूस ने छोड़ा है और अमेरिका ने 'मौत का सौदागर' के नाम से कुख्यात हथियारों के अवैध रूसी विक्रेता विक्टर बाउट को रिहा किया है. 32 साल की ग्रिनर और 55 साल के विक्टर बाउट की रिहाई अमेरिका और रूस के संबंधों का अहम मोड़ है.
अमेरिकी नागरिक ग्रिनर को इसी साल फरवरी में रूस में ड्रग्स चार्जेज के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जबकि विक्टर बाउट अमेरिका में 25 साल की कैद की सजा काट रहा था. समाचार एजेंसियों के अनुसार कैदियों की ये अदला-बदली कतर में अबू-धाबी एयरपोर्ट पर हुई.
रूसी मीडिया की ओर से जारी वीडियो में एयरपोर्ट पर ग्रिनर और बाउट एयरपोर्ट पर एक दूसरे के बगल से निकलते हुए दिख रहे हैं. ग्रिनर की पहचान बन चुके उनके धुंधराले बाल कटे हुए थे. जबकि बाउट तेजी में दिख रहा था. एयरपोर्ट में ही दोनों एक दूसरे प्लेन की ओर बढ़ गए जहां से वे अपने अपने देशों की ओर रवाना हो गए.
ग्रिनर को टेक्सास के सैन एंटोनियो एयरपोर्ट पर उतरते हुए देखा गया.
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने ग्रिनर से बात की थी और वह रूस में गैर जरूरी प्रताड़ना झेलने के बाद भी अच्छी हालत में हैं.
Обнародованы видеокадры обмена россиянина Виктора Бута на американку Бриттни Грайнер:https://t.co/hs1cFtHbOs
— ТАСС (@tass_agency) December 8, 2022
Видео: ТАСС pic.twitter.com/UZ209BYPRX
बता दें कि ग्रिनर दो बार ओलंपिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, वे WNBA चैम्पियन हैं और LGBTQ अधिकारों के लिए भी काम करती हैं. उन्हें मास्को एयरपोर्ट पर तब गिरफ्तार किया गया था जब यूक्रेन को लेकर रूस और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर था.
ग्रिनर पर थोड़ी मात्रा में गांजा रखने का आरोप लगा था, उनके पास कथित तौर पर वेप कार्टिरेज भी मिला था. अगस्त में उन्हें नौ साल की जेल की सजा सुनाई गई थी.
ग्रिनर ने गवाही दी थी कि उसे कई चोटों से दर्द को दूर करने के लिए दवा के रूप में गांजे का उपयोग करने के लिए एक अमेरिकी डॉक्टर से अनुमति मिली थी. हालांकि रूस में मेडिकल मारिजुआना के उपयोग की अनुमति नहीं है.
Brittney’s coming home. pic.twitter.com/Yg4t08Pqgc
— President Biden (@POTUS) December 9, 2022
वहीं विक्टर बाउट पर दुनिया के खतरनाक आतंकियों और विद्रोहियों को संवेदनशील हथियारों को मुहैया कराने का आरोप है. उसे 2008 में अमेरिका एक स्टिंग ऑपरेशन में थाइलैंड में गिरफ्तार किया था. इसके बाद थाईलैंड से उसका अमेरिका में प्रत्यर्पण किया गया था. उसे 2012 में 25 सालों की कैद की सजा सुनाई गई थी. बता दें कि रूस का मानना है कि विक्टर बाउट एक बिजनेसमैन है और उसे गलत तरीके से फंसाया गया है.
रूस पहुंचते ही विक्टर बाउट ने रूस के सरकारी टेलिविजन पर कहा, 'चिंता की कोई बात नहीं है, सबकुछ ठीक है, मैं आप सबों को बहुत प्यार करता हूं.'
बता दें कि अमेरिकी मीडिया और कुछ दूसरी एजेंसियां विक्टर बाउट को 'मौत का सौदागर' के नाम से बुलाती है. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार इस शख्स पर लीबिया के कर्नल गद्दाफी, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और अफ्रीकी देशों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है.
2005 में बनी हॉलीवुड एक्टर निकोलस केज की फिल्म 'लॉर्ड ऑफ वार' विक्टर बाउट पर ही आधारित थी.