अमेरिका के दो बड़े सीनेटरों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मांग की है कि वह भारत-पाक झगड़े का शांतिपूर्ण समाधान निकालने पर विचार करें. साथ ही लंबे वर्षों से जारी विवाद के कारणों से निपटने के लिए भारत और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने की मांग की गई है.
कंसास से सिनेटर जेरी मोरान और न्यू हैंपशायर से जीन शाहीन ने इस बाबत राष्ट्रपति ट्रंप को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि कश्मीर के इलाकों में भारत और पाकिस्तान के बीच खतरनाक स्थिति को तत्काल प्रभाव से सुलझाना चाहिए. उन्होंने ट्रंप से यह भी दबाव बनाने का आग्रह किया कि पाकिस्तान आतंकी समूहों के खिलाफ अधिक काम करे.
दोनों सीनेटरों ने अपनी चिट्ठी में कहा, ‘पाकिस्तानी आतंकी समूहों के हमलों के जवाब में भारत की कार्रवाई की पुष्टि करते हैं और भारत के पकड़े गए वायु सेना अधिकारी को रिहा करने के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के फैसले का स्वागत करते हैं. चिट्ठी में यह भी कहा गया कि अमेरिका की ओर से घोषित आतंकी समूहों ने भारत पर हमला किया है.
चिट्ठी में दोनों सिनेटर ने कहा है कि उन्हें चिंता है कि दोनों देशों का झगड़ा जंग में तब्दील हो सकता है. दोनों देशों की सरहद पर हजारों सैनिक, भारी तोपें हैं और इलाके में गोलीबारी हुई है. विदेशी मामलों की समिति के अध्यक्ष इलियट एल एंगेल ने भी भारत के समर्थन में अपना बयान जारी किया. एंगेल ने कहा, 'पुलवामा में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के हमले के बाद भारत-पाक में पनपे तनाव को लेकर मैं काफी चिंतित हूं. दोनों देशों से आग्रह है कि वे तनाव कम करें और शांति कायम करें. विवाद का समाधान निकालने के लिए पाकिस्तान सरकार ने विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने का फैसला किया है जो कि दोनों देशों में वार्ता का पहला कदम मान सकते है.'
एंगेल ने कहा, 'पाकिस्तान जिस तरह आतंकी संगठनों खासकर जैश-ए-मोहम्मद की मदद कर रहा है, उस पर भी हमें बेहद चिंता है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने जंग को लेकर गफलत का डर जताया है, इसलिए वहां के नेताओं को अपनी धरती पर चलने वाले आंतकी संगठनों और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ माकूल कार्रवाई करनी चाहिए.'
अमेरिकी सिनेटर मार्क आर वार्नर और जॉन कॉर्निन ने भी भारत-पाक संबंधों को लेकर अपने बयान जारी किए. दोनों ने कहा, 'पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन की ओर से भारतीय सुरक्षा बलों की कार्रवाई की हम निंदा करता हूं. लंबे समय से पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता रहा है जो कि एशिया और समूची दुनिया में स्थिरता के लिए खतरा है. साथ ही दोनों देशों को अपने क्षेत्रों में शांति कायम करने के लिए जरूरी कदम उठाने चाहिए. हम दोनों एटमी देशों से आग्रह करते हैं कि वे पीछे हटें और एक दूसरे को भड़काने वाला कोई काम न करें. कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे तनाव घटे.
सत्तारूढ़ पार्टी के मोरान और डेमोक्रेटिक पार्टी के शाहीन ने कहा, ‘हम आपके रुख के साथ हैं कि पाकिस्तान को क्षेत्र को अस्थिर करने वाले भारत विरोधी आतंकवादी समूहों को खत्म करने के लिए अधिक प्रयास करने चाहिए और आपसे इस संघर्ष के बढ़ने से पहले इसके शांतिपूर्ण समाधान पर विचार करने का अनुरोध करते हैं.’