रूस-यूक्रेन की जंग को 2 साल से ज्यादा समय हो चुका है. लेकिन अब भी यह युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच अमेरिका ने रूस पर बड़ा आरोप लगाया है. अमेरिका ने कहा है कि रूस ने यूक्रेनी सैनिकों के खिलाफ केमिकल वेपन का इस्तेमाल किया है.
अमेरिका के विदेश विभाग के मुताबिक रूस ने केमिकल वेपन के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन किया है. अमेरिका के मुताबिक रूस ने यूक्रेन के सैनिकों पर चोकिंग एजेंट क्लोरोपिक्रिन का इस्तेमाल किया है. इसके अलावा रूस पर राइट कंट्रोल एजेंट का इस्तेमाल करने का आरोप भी लगा है.
जमीनी फायदा हासिल करने की कोशिश
विदेश विभाग के मुताबिक,'इस तरह के केमिकल का उपयोग कोई नई घटना नहीं है. संभवत: रूस ने यूक्रेन की सेना को ऊंचाई वाले इलाकों से हटाने और जंग के मैदान पर टेक्टिकल फायदा हासिल करने के लिए किया है. इस बारे में वॉशिंगटन में स्थित रूसी दूतावास से जवाब मांगा गया, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला.
यूक्रेन के लाखों लोग हुए विस्थापित
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से युद्ध चल रहा है. अब तक दोनों देशों के हजारों सैनिक अपनी जान गंवा चुके हैं. युद्ध के कारण यूक्रेन से लाखों लोग विस्थापित हो चुके हैं और पड़ोसी मुल्कों में शरण ली है. यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की रूस के साथ युद्धविराम से इनकार कर चुके हैं. जेलेंस्की का कहना है कि क्रेमलिन की सेना कीव के सैनिकों पर काबू पाने के लिए इस युद्धविराम का उपयोग पीछे हटने और फिर से संगठित होने के लिए करेगी.
बढ़ रहा तीसरे विश्वयुद्ध का खतरा
व्लादिमीर पुतिन हाल ही में रूस के पांचवीं बार राष्ट्रपति बने हैं. यूक्रेन के साथ जंग के बीच हुए चुनाव में जीत के तुरंत बाद उन्होंने पश्चिमी गठबंधन NATO को चेतावनी भी दी थी. उन्होंने चेताया था कि रूस और नाटो के बीच सीधा टकराव तीसरे विश्व युद्ध की तरफ पहला कदम होगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि शायद ही कोई ऐसा मंजर चाहेगा. यूक्रेन के साथ जंग की वजह से पश्चिम और रूस के संबंध अपने सबसे खराब स्तर पर हैं. पुतिन ने सिर्फ तीसरे विश्व युद्ध की ही चेतावनी नहीं दी थी, बल्कि उन्होंने परमाणु युद्ध को लेकर भी आगाह किया था और कहा था कि हालांकि, उन्हें कभी परमाणु के इस्तेमाल की जरूरत महसूस नहीं हुई.