अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सूसैन राइस ने हाल के अपने इस्लामाबाद दौरे के दौरान पाकिस्तानी नेतृत्व पर देश में आतंकी पनाहगाहों के खिलाफ ‘आक्रामक रुख’ अख्तियार करने का दबाव बनाया था.
ओबामा प्रशासन के एक अधिकारी के अनुसार राइस ने नेतृत्व को इस बात को लेकर आगाह किया कि वर्तमान नीति को जारी रखने से भारत और अफगानिस्तान के साथ उसके संबंधों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
अधिकारी ने बताया ‘राइस ने इस बात का जिक्र किया कि पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद और अन्य आतंकवादी गतिविधियां जारी हैं और वह पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान तथा भारत के बीच क्षेत्रीय टकराव की एक प्रमुख वजह बन गयी है.’
अधिकारी ने बताया कि जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से 22 अक्तूबर को व्हाइट हाउस में मिलेंगे तो पाकिस्तान की धरती से जन्म लेने वाला आतंकवाद बातचीत का अहम मुद्दा होगा. अधिकारी ने बताया कि राइस ने इस बात को प्रमुखता से रखा कि पाकिस्तान के लिए पनाहगाहों की चुनौती से निपटना पड़ोसी देशों और अमेरिका के साथ संबंधों के लिए जरूरी है.
अधिकारी ने कहा ‘इसलिए यह हमारे लिए प्राथमिक चिंता का विषय है और खास तौर पर काबुल में हिंसा में वृद्धि के संदर्भ में. हमारे लिए यह देखना प्राथमिकता है कि हक्कानी नेटवर्क और अन्य तत्वों से निपटने के लिए पाकिस्तान आक्रामक रख अख्तियार करे.’