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भारत की तेजाब हमला विरोधी कार्यकर्ता अमेरिका में सम्मानित होंगी

भारत की 'स्टॉप एसिड अटैक' कार्यकर्ता लक्ष्मी '10 देशों से चुनी गई असाधारण महिलाओं' में से एक हैं जिन्हें अमेरिका के विदेश विभाग ने वर्ष 2014 के लिए मंगलवार को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला साहसिक पुरस्कार' प्रदान किया है. अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा और उपविदेश मंत्री हीदर हिग्गिन्बॉटम कार्यक्रम में शामिल होंगी. उपविदेश मंत्री लक्ष्मी को सम्मान प्रदान करेंगी.

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भारत की 'स्टॉप एसिड अटैक' कार्यकर्ता लक्ष्मी '10 देशों से चुनी गई असाधारण महिलाओं' में से एक हैं जिन्हें अमेरिका के विदेश विभाग ने वर्ष 2014 के लिए मंगलवार को 'अंतर्राष्ट्रीय महिला साहसिक पुरस्कार' प्रदान किया है. अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा और उपविदेश मंत्री हीदर हिग्गिन्बॉटम कार्यक्रम में शामिल होंगी. उपविदेश मंत्री लक्ष्मी को सम्मान प्रदान करेंगी.

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हर वर्ष यह पुरस्कार दुनिया भर की महिलाओं को उल्लेखनीय साहस का प्रदर्शन करने और शांति, न्याय, मानवाधिकार, लैंगिक समानता और महिलाओं की आधिकारिकता के मुद्दे पर निजी स्तर पर नेतृत्व करने के लिए दिया जाता है. वर्ष 2007 से शुरू इस पुरस्कार के तहत अमेरिकी विदेश विभाग अब तक 49 देशों की 76 महिलाओं को सम्मानित कर चुका है. विदेश विभाग से जारी जीवनवृत्त के मुताबिक, लक्ष्मी जब 16 वर्ष की थीं, तब बस स्टैंड पर इंतजार करते समय उन पर जान-पहचान के एक व्यक्ति ने तेजाब फेंक दिया था. हमलावर उनके भाई का 32 वर्षीय दोस्त था. प्रेम निवेदन ठुकराने से नाराज युवक ने उनका चेहरा बिगाड़ने के लिए तेजाब फेंका था.

सामान्य जिंदगी की तरफ नहीं लौटने वाली तेजाब हमले की शिकार कई पीड़िताओं की तरह लक्ष्मी ने खुद को नहीं छिपाया और साहस दिखाते हुए तेजाब से हमले रोकने का अभियान चलाने लगीं. वह टीवी के राष्ट्रीय चैनल पर कई बार आईं और तेजाब की बिक्री पर रोक लगाने के लिए आवेदन पर 27000 हस्ताक्षर जुटाए. इतना ही नहीं वह अपने मामले को सर्वोच्च न्यायालय तक ले जाने में भी कामयाब हुईं.

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लक्ष्मी की याचिका पर सर्वोच्च न्यायलय ने भारत सरकार और राज्यों की सरकारों को तेजाब की बिक्री का अविलंब विनियमन करने और संसद को तेजाब से हमला करने वालों के खिलाफ आसानी से मामला चलाने के लिए कानून बनाने को कहा.

अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि जीवन के गुजरते जाने के बीच लक्ष्मी की भारत भर में तेजाबी हमले की शिकार पीड़िताओं के लिए लड़ाई जारी है. वह मुआवजा बढ़ाने, प्रभावी अभियोजन और तेजाब से हमले रोकने और जीवित रह गई पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए लड़ रही हैं.

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