scorecardresearch
 

Reciprocal Tariff on Chinese economy: ट्रंप के टैरिफ से चीन की इकोनॉमी को तगड़ा झटका! एक्सपर्ट बोले 2 फीसदी तक गिर सकती है GDP

अमेरिका ने सभी देशों पर डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. जिससे वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है. इस टैरिफ के नुकसान से चीन भी अछूता नहीं है. चीनी अर्थशास्त्री के अनुसार, ट्रंप के नए टैरिफ की वजह से चीन की जीडीपी 2 से 2.5 फीसदी तक का नुकसान हो सकता है. चीन ने टैरिफ को आर्थिक गुंडागर्दी का उदाहरण बताया है.

Advertisement
X
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दुनिया के सभी देशों पर डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के बाद वैश्विक मंदी का खतरा मंडराने लगाने है. ट्रंप की घोषणा के बाद अमेरिकी सामान पर चीन ने 34 प्रतिशत टैरिफ का ऐलान किया है. जिसे ट्रंप ने चीन की घबराहट बताया है. एक शीर्ष चीनी अर्थशास्त्री के अनुमान के अनुसार, नए टैरिफ से चीन की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान हो सकता है. चीन की जीडीपी में 2 फीसदी से ज्यादा गिरावट आ सकती है. 

Advertisement

मैक्वेरी बैंक के मुख्य चीन अर्थशास्त्री लैरी हू के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ से चीन के निर्यात में 15 प्रतिशत की कमी और जीडीपी विकास में 2-2.5 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है. 

ट्रंप द्वारा लगाए गए नए 34 फीसदी टैरिफ के साथ चीनी उत्पादों पर कुल टैरिफ अब 54 प्रकिशत तक पहुंच गया है.  अमेरिका ने चीन को दिए जा रहे ड्यूटी फ्री छूट को भी समाप्त कर दिया है.

चीन पहले से ही आर्थिक सुस्ती से जूझ रहा है

इस साल चीन ने जीडीपी के लिए पांच प्रतिशत का लक्ष्य रखा है. हालांकि, चीन पहले से ही आर्थिक सुस्ती से जूझ रहा है. घरेलू खपत में ठहराव और रियल एस्टेट सेक्टर में संकट के वजह से अर्थव्यवस्था संघर्ष कर रही है. 

यह भी पढ़ें: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को चुभ रहा है चीन का ट्रेड सरप्लस, बोले- कोई डील नहीं करूंगा जब तक...

Advertisement

अमेरिका चीन के लिए सबसे बड़े बाजारों में से एक है. चीन निर्यात का अमेरिका में तीसरा सबसे बड़ा बाजार है. वित्त वर्ष 2024-2025 में इसकी कुल राशि 438 अरब अमेरिकी डॉलर थी. जबकि अमेरिका से उसका आयात 143 अरब डॉलर ही था. ट्रेड डेफिसिट को लेकर ट्रंप चिंतित थे. 

फेंटानाइल विवाद और बदले में चीन की प्रतिक्रिया

चीन पर अमेरिका ने टैरिफ बम इसलिए भी फोड़ा क्योंकि चीन पर फेंटानाइल बनाने के लिए कच्चा माल भेजने का आरोप लगा. हालांकि, चीन ने इस आरोप को खारिज कर दिया. चीन ने भी अमेरिका को टैरिफ का जवाब देने के लिए कृषि सामानों पर 34 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. जिससे अमेरिका के किसानों को नुकसान हो सकता है. 

चीन यहीं नहीं रुका. चीन ने रेयर अर्थ मेटल्स के निर्यात पर भी नियंत्रण लगा दिया है. जिससे अमेरिका के कंप्यूटर, डिफेंस और स्मार्ट फोन इंडस्ट्री को झटका लगने का अनुमान है. 

यह भी पढ़ें: ट्रंप टैरिफ का साइड इफेक्ट, जापान से हांगकांग तक मचा हाहाकार, एक्सपर्ट बोले- 'मंदी की शुरुआत...'

चीन को अब घरेलू खपत बढ़ाने पर देना होगा जोर

वरिष्ठ चीनी विश्लेषक वांग शियांगवेई ने कहा है कि ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाए जाने के बाद चीन को अब घरेलू खपत बढ़ाने पर जोर देना होगा. चीन की घरेलू खपत का योगदान महज 38 फीसदी है, जो कि पश्चिमी देशों के 60 से 70 फीसदी से काफी कम है. चीन की इकोनॉमी अब भी इंडस्ट्री और निवेश पर अधिक निर्भर है. टैरिफ की वजह से चीन घरेलू मांग और उपभोक्ता खर्च बढ़ाने को मजबूर हो सकता है.  

Advertisement

विदेश मंत्रालय का बयान

चीन के विदेश मंत्रालय ने डोनाल्ड ट्रंप के नए डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ की आलोचना की है. सोमवार को चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह अमेरिका की आर्थिक गुंडागर्दी और एकतरफावाद का उदाहरण है. अमेरिका के टैरिफ की वजह से ग्लोबल चेन सप्लाई और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा.

Live TV

Advertisement
Advertisement