मुंबई हमले का मास्टर माइंड जकीउर रहमान लखवी अब भारत के शिकंजे में आ सकता है. अमेरिका और ब्रिटेन ने इस बाबत पाकिस्तान को फरमान जारी किया है कि वह लखवी को भारत को सौंप दे. अमेरिका और ब्रिटेन का मानना है कि ऐसा करने से दोनों पड़ोसी देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध बेहतर हो सकेंगे.
इस्लामाबाद हाई कोर्ट में सोमवार को लखवी (54) की जमानत याचिका पर सुनवाई थी. इस दौरान अभियोजन ने कोर्ट को बताया कि दोनों देशों ने लखवी को भारत को सौंपने की मांग की है. हालांकि, गृह मंत्रालय में मौजूद एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका और ब्रिटेन ने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बेहतर करने के लिए नवाज सरकार से लखवी को या तो भारत को सौंपने या उसकी स्वतंत्र सुनवाई के लिए उन्हें सौंपने को कहा है. साल 2008 के मुंबई हमले में विभिन्न देशों के कई नागरिक मारे गए थे.
अभियोजन ने जज शौकत अजीज सिद्दीकी की अध्यक्षता वाली हाई कोर्ट की बेंच से मामले में तेजी लाने का भी अनुरोध किया. इस पर सिद्दीकी ने टिप्पणी की, 'यदि सरकार इतनी ही जल्दी में है तो मामले को सैन्य अदालत में हस्तांतरित कर दे.' जज ने यह भी कहा कि लखवी को किसी देश को सौंपना एक कूटनीतिक मुद्दा है जो सरकार से संबद्ध है और अदालत का इससे कोई लेना देना नहीं है.
मामले में मुख्य अभियोजक चौधरी अजहर ने बताया कि लखवी के वकील सोमवार की सुनवाई में पेश नहीं हुए. उन्होंने बताया कि अदालत ने पिछली सुनवाई में लखवी के लिए समन जारी किया था, लेकिन उनके वकील पेश नहीं हुए थे. इस पर अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी. अदालती दफ्तर सुनवाई की अगली तारीख तय करेगा. लखवी को 2008 में गिरफ्तार किया गया था और उसे अन्य आरोपियों के साथ आरोपित किया था.
-इनपुट भाषा से