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नरेंद्र मोदी अगर चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बने तो अमेरिका देगा वीजा

ओबामा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका भारत में अगले आम चुनावों में बीजेपी के सत्ता में आने पर उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ काम करने के लिए तैयार होगा. अधिकारियों ने साथ ही कहा कि चुनाव के नतीजों से अलग दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंध जारी रहेंगे.

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नरेन्द्र मोदी
नरेन्द्र मोदी

ओबामा प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका भारत में अगले आम चुनावों में बीजेपी के सत्ता में आने पर उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ काम करने के लिए तैयार होगा. अधिकारियों ने साथ ही कहा कि चुनाव के नतीजों से अलग दोनों देशों के मजबूत द्विपक्षीय संबंध जारी रहेंगे.

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'अमेरिका के लिए वीजा कोई मुद्दा नहीं'
प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के उम्मीदवार के नेतृत्व में भारत की सरकार के साथ काम करने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता के साथ काम करेंगे, इसमें कोई शक नहीं है.’ वीजा मामले को कोई मुद्दा न बताते हुए अधिकारी ने कहा कि यह भारतीय मीडिया की देन है और अमेरिकी सरकार के लिए यह कोई मुद्दा नहीं है.

पहचान गुप्त रखने की शर्त पर अधिकारी ने कहा, ‘वीजा मामला मीडिया की देन है. मोदी को आवेदन करना है और हमें समीक्षा करनी है. उन्होंने वीजा के लिए आवेदन नहीं किया है.’

'बीजेपी के नेतृत्व में बनी सरकार से थे मजबूत संबंध'
अधिकारी से पूछा गया, ‘आप कहते हैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ अमेरिका के मजबूत संबंध हैं. अगर मोदी अगले साल प्रधानमंत्री बनते हैं तो क्या अमेरिका के लिए दिक्कत नहीं होगी?’ इसके जवाब में अधिकारी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछली सरकार के साथ भी अमेरिका के बहुत मजबूत संबंध थे जो बीजेपी के नेतृत्व में बनी थी.’

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'दोनों देशों के बीच संबंध जारी रहने की उम्मीद'
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका और भारत के बीच बहुत मजबूत संबंध हैं, अमेरिका में द्विदलीय व्यवस्था है, चाहे कोई भी सत्ता में हो, ऐसा ही रहता है. हमें लगता है कि भारत की बहुदलीय व्यवस्था में सभी राजनीतिक दलों का समर्थन होता है और इस व्यवस्था में हम इन संबंधों के जारी रहने की उम्मीद कर सकते हैं.

'मोदी को लेकर चिंतित नहीं अमेरिका'
एक अन्य अमेरिकी अधिकारी के अनुसार उनके देश की सरकार में मोदी को लेकर बहुत अधिक चिंताएं नहीं हैं, लेकिन ऐसा समझा जाता है कि प्रशासन ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है, क्योंकि इसे भारत की अंदरूनी राजनीति में हस्तक्षेप के तौर पर देखा जा सकता है.

सूत्रों के अनुसार यथास्थिति में किसी तरह का बदलाव होने पर राजनीतिक दल चुनाव से पहले इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिका अगले साल आम चुनावों के बाद भारत का प्रधानमंत्री बनने वाले किसी भी नेता के साथ काम को तैयार है.

 

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