9/11 हमले की 20 वीं बरसी पर अमेरिका (America) समेत दुनिया के कई देश जब गम मना रहे थे तो उधर तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) के राष्ट्रपति भवन (Presidential Palace) पर अपना झंडा फहराया. तालिबान के कल्चरल कमीशन के मल्टीमीडिया ब्रान्च के प्रमुख अहमदुल्लाह मुत्तानी ने बताया कि तालिबान की अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री मोहम्मद हसन अखुंद ने कुरान की आयत वाले बैनर फहराया था. उन्होंने कहा कि झंडा फहराना इस बात की ओर इशारा था कि अफगानिस्तान में नई तालिबानी सरकार ने कामकाज शुरू कर दिया है.
बता दें कि तालिबान सरकार का गठन बीते सप्ताह किया गया है. तालिबानी सरकार में किसी महिला या अन्य समुदाय के लोगों को जगह नहीं दी गई है. तालिबान की नई सरकार के गठन से पहले उम्मीद लगाई जा रही थी कि तालिबान एक समावेशी सरकार बनाएगा लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उम्मीदों को झटका लगा.
दो दशक पहले तालिबान ने अफगानिस्तान में काफी सख्ती से शासन किया था, अफगानिस्तान में टीवी पर भी प्रतिबंध था, 11 सितंबर 2001 को अमेरिका पर भयानक हमले की खबर अफगानिस्तान में रेडियो के जरिए पहुंची. शहर में शायद ही कभी बिजली थी और उस समय काबुल में मुश्किल से दस लाख लोग रहते थे. तालिबान को राजधानी से खदेड़ने के लिए अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को सिर्फ दो महीने लगे और 7 दिसंबर, 2001 तक, तालिबानी हार गए थे. तालिबान के नियंत्रण से उसका आध्यात्मिक गढ़ दक्षिणी कंधार भी बाहर हो गया था.
20 साल बाद तालिबान, काबुल में फिर से लौट आया है. अफगानिस्तान से अमेरिका जा चुका है, 9/11 हमले की बरसी से दो सप्ताह पहले अमेरिका ने अफगानिस्तान से वापसी कर ली. 15 अगस्त 2021 को तालिबान अफगान राजधानी पर फिर से अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी.