अमेरिकी विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने BBC की पीएम मोदी पर बनी डॉक्यूमेंट्री पर टिप्पणी की. नेड प्राइस ने सोमवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री से परिचित नहीं हैं, लेकिन वह उन साझा मूल्यों से बहुत परिचित हैं जो अमेरिका और भारत को दो संपन्न और जीवंत लोकतंत्रों के बीच हैं.
नेड प्राइस उस डॉक्यूमेंट्री के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे, जिसने रिलीज होने के बाद से बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा कर दिया है. नेड प्राइस ने कहा, 'आप जिस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र कर रहे हैं, उससे मैं परिचित नहीं हूं. मैं उन साझा मूल्यों से बहुत परिचित हूं जो संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत को दो संपन्न, जीवंत लोकतंत्रों के रूप में स्थापित करते हैं. जब हमारे पास भारत में की जाने वाली कार्रवाइयों के बारे में चिंता है, तो हमने आवाज उठाई है कि हमें ऐसा करने का अवसर मिला है.'
'भारत और हमारे मजबूत संबंध'
एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए, प्राइस ने कहा कि कई तत्व भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हैं, जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से गहरे लोगों के बीच संबंध शामिल हैं. भारत के लोकतंत्र को एक जीवंत बताते हुए नेड प्राइस ने कहा, हम हर उस चीज को देखते हैं जो हमें एक साथ बांधती है. हम उन सभी तत्वों को मजबूत करना चाहते हैं जो हमें एक साथ बांधते हैं.
BBC की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद जारी
बता दें कि बीबीसी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी के कार्यकाल पर दो-भाग की डॉक्यूमेंट्री सीरीज बनाई है. यह डॉक्यूमेंट्री 2002 के दंगों पर बनी है. इस डॉक्यूमेंट्री को भारत में बैन कर दिया गया है और YouTube और ट्विटर सहित कई प्लेटफार्मों से हटा दिया गया है.
भारत में बैन हुई डॉक्यूमेंट्री
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दावा किया कि यह डॉक्यूमेंट्री पक्षपाती है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हम इस पर ज्यादा जवाब नहीं देना चाहते हैं ताकि इसे अधिक गरिमा न मिले. उन्होंने कहा कि यह डॉक्यूमेंट्री एक प्रचार के लिए बनाई गई है. इसकी कोई वस्तुनिष्ठता नहीं है. यह पक्षपातपूर्ण है.