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बांग्लादेश में फिर हिंसक प्रदर्शन, राष्ट्रपति भवन घेरने पहुंची भीड़ पर लाठीचार्ज, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, 5 घायल

बांग्लादेश के राष्ट्रपति के बयान के खिलाफ वहां की सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गया है. इसी क्रम में राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुये, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े.

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Protests in Banglades (Photo Credit: The Daily Star)
Protests in Banglades (Photo Credit: The Daily Star)

बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसक विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गया है. इस बार प्रदर्शनकारी देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को हटाने की मांग कर रहे हैं. मंगलवार रात करीब 8.30 बजे भी इसी तरह का एक प्रदर्शन राजधानी ढाका में राष्ट्रपति के निवास बंगभवन के सामने हुआ. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रपति भवन के सामने इकट्ठा हुये और जमकर नारेबाजी की.

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जानकारी के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. प्रोटेस्ट के लिये जमा हुई भीड़ को उग्र होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे.

5 प्रदर्शनकारी अस्पताल में भर्ती

बांग्लादेशी मीडिया के मुताबिक पुलिस के लाठीचार्ज में 5 प्रदर्शनकारी घायल हो गये, जिन्हें इलाज के लिये ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि जैसे ही प्रदर्शनकारी बंगभवन के बाहर जमा हुये, पुलिस ने उनसे बातचीत करनी शुरू कर दी. लेकिन बात नहीं बनी.

पुलिस पर पथराव, रोड ब्लॉक की

पुलिस के मुताबिक मामला न संभलता देख सेना के जवानों ने भी प्रोटेस्टर्स से बात की, लेकिन बात न बनने पर लाठीचार्ज ही करना पड़ा. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव भी किया और बंगभवन के पास गुलिस्तान रोड को ब्लॉक कर दिया. 

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स्टन ग्रेनेड फटने से घायल हुए प्रोटेस्टर्स

द डेली सियासत की रिपोर्ट के मुताबिक डीएमसीएच पुलिस चौकी के प्रभारी मोहम्मद फारुक ने बताया,'पांच लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनमें से तीन के पैर में और दो के कान में चोट लगी है. ये सभी स्टन ग्रेनेड के कारण घायल हुए हैं. 

बांग्लादेश में क्यों हो रहा प्रदर्शन?

दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि उनके पास ऐसे कोई डॉक्यूमेंट नहीं है, जिससे यह साबित हो कि 5 अगस्त को बांग्लादेश छोड़ने से पहले शेख हसीना ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. राष्ट्रपति के इस बयान के बाद अब बांग्लादेश में यह बहस छिड़ गई है कि क्या संवैधानिक रूप से शेख हसीना अभी भी बांग्लादेश की पीएम हैं. इस बयान के खिलाफ ही लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति का इस्तीफा मांग रहे हैं.

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