क्या यह मुमकिन है कि किसी के ब्रेन की सर्जरी हो रही हो और वह ऑपरेशन थियेटर में वायलिन बजा रहा हो? जी हां, ऐसा संभव कर दिखाया है वायलिन बजाने वाली नाओमी एलिशुव ने.
नाओमी एलिशुव लिथुआनिया के नेशनल सिम्फनी ऑर्केस्ट्रा के लिए वायलिन बजाया करती थीं. तेल अवीव के मेडिकल सेंटर के मुताबिक, करीब दो दशक पहले नाओमी के शरीर में एक अलग तरह की कंपकंपी की बीमारी पाई गई. न्यूरोलॉजिकल कंडिशन की वजह से उनकी मांशपेशियां प्रभावित हो सकती थीं. नाओमी के लिए उनके हाथों के कांपने का सीधा मतलब होता करियर समाप्त हो जाना.
सर्जरी करने वाले डॉक्टरों ने इस हफ्ते की शुरुआत में ही नाओमी के दिमाग के प्रभावित हुए हिस्से में पेसमेकर लगा दिया था, ताकि कंपन को कंट्रोल किया जा सके. अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के निदेशक ने कहा कि नाओमी से कहा गया कि वह सर्जरी के दौरान वायलिन बजाए, जिससे डॉक्टरों को दिमाग के भीतर एकदम सही वक्त पर सही स्थिति का पता चल सके. यह पेसमेकर लगाने में मददगार होता.
अब नाओमी एलिशुव डॉक्टरों की शुक्रगुजार हैं. उन्होंने कहा, 'यह ऑपरेशन मेरी जिंदगी को बदल देने वाला था. मैं अब फिर से अपनी जिंदगी जीने जा रही हूं' आखिरकार उन्होंने अपनी लय जो पा ली थी.
यह अपनी तरह का पहला मामला है, जब कोई ऑपरेशन के वक्त संगीत बजा रहा हो. ऑपरेशन से पहले वायलिन से निकलने वाली आवाज और ऑपरेशन के बाद की आवाज में फर्क साफ देखा जा सकता है.