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अमेरिकी वीजा लेना और होगा मुश्किल, सोशल मीडिया की भी देनी होगी जानकारी

नए नियम के मुताबिक अब अब आवेदकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सूची पर अपने नाम बताने होंगे और सूची में जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के नाम नहीं हैं, उन पर बने अपने अकाउंट्स की डिटेल खुद लिखकर देनी होगी.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

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अमेरिका के विदेश विभाग ने वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक, अब अमेरिका का वीजा चाहने वाले लोगों को अपनी सोशल मीडिया की जानकारी भी देनी होगी. अब तक यह नियम जरूरी नहीं था.  नए नियमों के तहत वीजा अप्लाई करने वाले लोगों को अपने सोशल मीडिया का नाम और पांच साल तक के ईमेल एड्रेस और फोन नंबर भी देने होंगे.

पिछले साल भी यह प्रस्ताव सामने आया था लेकिन तब प्रशासन ने कहा था कि इस कदम फैसले से हर साल तकरीबन 1.47 करोड़ लोग प्रभावित होंगे. अमेरिका आने वाले लोगों को इससे परेशानी होगी. इस साल उस प्रस्ताव को हरी झंडी दे गई है. हालांकि इस नए नियम से कुछ कूटनीतिक और आधिकारिक वीजा आवेदकों को छूट दी गई है. अमेरिका में पढ़ाई करने और नौकरी के लिए आने वाले लोगों को नए नियम के तहत सारी जानकारी मुहैया करानी होगी.

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अमेरिका के विदेश विभाग ने कहा, "हम अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए लोगों के आने का स्वागत करते हैं. अपने नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए हम स्क्रीनिंग प्रोसेस को और ज्यादा मजबूत बना रहे हैं." गौरतलब है कि इससे पहले केवल उन लोगों को यह जानकारी देने के लिए कहा जाता था जो आतंकवादी संगठनों के प्रभाव वाले क्षेत्रों से अमेरिका आना चाहते थे.

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि अमेरिकी वीजा का आवेदन करने वाले लोग अगर जानकारी देने में कुछ भी झूठ या गलत बताते पकड़े गए तो इसके नतीजे काफी गंभीर होंगे. डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने 2018 में सबसे पहले यह प्रस्ताव लाया था. नए नियम के मुताबिक अब अब आवेदकों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सूची पर अपने नाम बताने होंगे और सूची में जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के नाम नहीं हैं, उन पर बने अपने अकाउंट्स की डिटेल खुद लिखकर देनी होगी.

इस बीच अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन ने कहा है कि 'अब तक इस बात के सबूत नहीं मिले हैं कि सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग काफी ज्यादा प्रभावी या असरकार रही हो.' गौरतलब है कि साल 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार में ट्रंप ने इमीग्रेशन का मुद्दा गंभीरता से उछाला था और कहा था कि अमेरिका अपने यहां अवैध प्रवासियों को शरण नहीं देगा. उन्होंने आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों पर भी निगरानी की बात कही थी. सोशल मीडिया पर नजर इसी का नतीजा है.

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