अमेरिका में अगले साल राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं. इस दौड़ में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक विवेक रामास्वामी ने भी दावेदारी जताई है. रामास्वामी (38) खुद को राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए सीधे-साधे, सच बोलने वाले और जबरदस्त बहस करने वाले नेता के रूप में पेश कर रहे हैं. रामास्वामी ने हाल ही में H-1B वीजा प्रोग्राम खत्म करने की वकालत की है. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने H-1B वीजा को 'गिरमिटिया' करार दिया है.
दरअसल, गिरमिटिया शभ्द अंग्रेजी के शब्द एग्रीमेंट के अपभ्रंश गिरमिट से आया है. जिस समय भारत पर अंग्रेजों का शासन था, तब कागज पर अंगूठे का निशान लगवाकर हर साल हजारों मजदूरों को अफ्रीका और दूसरे देश भेज दिया जाता था. इन मजदूरों को 'गिरमिट' कहा जाता था. इस आधार पर ही यह मजदूर गिरमिटिया कहलाते थे. विवेक रामास्वामी ने H-1B वीजा प्रोग्राम को गिरमिटिया करार देते हुए लॉटरी-आधारित वीजा प्रणाली को खत्म करने की कसम खाई है. राष्ट्रपति चुनाव जीतने पर उन्होंने मेरिटोक्रेटिव (मैरिट) आधार पर लोगों को वीजा देने की पॉलिसी शुरू करने का ऐलान भी किया है.
भारत-चीन से जाते हैं सबसे ज्यादा कर्मचारी
H-1B वीजा के जरिए ही भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स बड़ी तादाद में काम करने के लिए अमेरिका जाते हैं. यह एक गैर-आप्रवासी वीजा है, जिसके जरिए अमेरिकी कंपनियों को यह अधिकार मिलता है कि वह विदेशी श्रमिकों को नौकरियां दे सकती हैं. इस वीजा प्रोग्राम के जरिए अमेरिका की बड़ी तकनीकी कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती है.
29 बार रामास्वामी ने भी किया इस्तेमाल
रामास्वामी ने यह भी बताया कि उन्होंने खुद इस 29 बार इस वीजा प्रोग्राम का इस्तेमाल किया है. 2018 से 2023 तक उनकी कंपनी रोइवंत साइंसेज ने H-1B वीजा के तहत कई आवेदन किए. इसमें से 9 आवेदनों को मंजूरी दी गई. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी वह अपनी इस बात पर अडिग हैं कि H-1B वीजा प्रोग्राम ठीक नहीं है.
वीजा प्रोग्राम को बताया दासता का स्वरूप
विवेक रामास्वामी ने कहा,'इस वीजा प्रोग्राम के तहत निकाली जाने वाली लॉटरी के सिस्टम में बदलाव करने की जरूरत है. यह गिरमिटिया दासता का एक स्वरूप है, जिससे केवल कंपनी को लाभ पहुंचता है. इसकी जगह लोगों का चयन योग्यता के आधार पर किया जाना चाहिए.' उन्होंने आगे कहा कि माइग्रेशन की एक श्रृंखला बन चुकी है, जिस पर रोक लगाने की जरूरत है. कई लोग परिवार के सदस्यों के रूप में अमेरिका आ जाते हैं, जबकि वह कौशल-आधारित योगदान देने वाले योग्यता प्राप्त अप्रवासी नहीं होते हैं.
85 हजार स्लॉट पर 7 लाख से ज्यादा आवेदन
रामास्वामी ने फरवरी 2021 में रोइवंत कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में पद छोड़ दिया था. हालांकि, वह फरवरी 2023 तक कंपनी के निदेशक मंडल के अध्यक्ष बने रहे थे. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन फाइलिंग के मुताबिक 31 मार्च तक मुख्य कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों में 904 फुल टाइम कर्मचारी थे, जिनमें से 825 अमेरिका में थे. बता दें कि एच-1बी वीजा की मांग काफी ज्यादा है. इन श्रमिकों की मांग भी लगातार बढ़ रही है. 2021 में इस वीजा प्रोग्राम के लिए 85 हजार स्लॉट निकाले गए थे, जबकि इसके लिए 7 लाख 80 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे.