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'रूस का कोई लेना-देना नहीं', ट्रंप के ग्रीनलैंड को हथियाने की धमकी पर क्या बोले पुतिन?

डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में आने के बाद से ही ग्रीनलैंड पर नजर गड़ा रखी है. उनका कहना है कि ग्रीनलैंड अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी है. अब पुतिन ने भी ट्रंप की इस महत्वाकांक्षा पर टिप्पणी की है. पुतिन ने कहा है कि रूस का इससे कोई लेना देना नहीं है.

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अमेरिका और रूस के रिश्तों में मिठास आ रही है (Photo- Reuters)
अमेरिका और रूस के रिश्तों में मिठास आ रही है (Photo- Reuters)

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि ग्रीनलैंड को लेकर अमेरिका का प्लान काफी गंभीर है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि ग्रीनलैंड का मामला दो देशों के बीच का मामला है जिससे रूस का कोई लेना-देना नहीं है. पुतिन ने यह टिप्पणी आकर्टिक सर्कल के उत्तर में सबसे बड़े शहर मरमंस्क में कही साथ ही चेतावनी दी कि क्षेत्र में भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो रही है.

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प्रतिस्पर्धा का जिक्र करते हुए उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ग्रीनलैंड को अधिग्रहण करने के प्लान पर बात की. लेकिन पुतिन ने अधिग्रहण के संबंध में ट्रंप की कोई आलोचना नहीं की. अमेरिका और रूस अपने संबंधों को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं और ऐसे में ग्रीनलैंड को लेकर पुतिन की टिप्पणी अहम मानी जा रही है.

राष्ट्रपति पुतिन ने मरमंस्क में रूस के आर्कटिक फोरम को संबोधित करते हुए कहा, 'कम शब्दों में कहें तो, ग्रीनलैंड को लेकर अमेरिका की योजनाएं गंभीर हैं. इन योजनाओं की गहरी ऐतिहासिक जड़ें हैं. और यह साफ है कि अमेरिका आर्कटिक में अपने भू-रणनीतिक, सैन्य-राजनीतिक और आर्थिक हितों को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाता रहेगा.'

पुतिन ने आगे कहा, 'जहां तक ग्रीनलैंड का सवाल है तो यह दो देशों के बीच का मामला है... इसका हमसे (रूस से) कोई लेना देना नहीं है.'

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अचानक करीब कैसे आ गए अमेरिका-रूस?

जब जो बाइडेन व्हाइट हाउस में थे तब रूस और अमेरिका एक-दूसरे के मुखर आलोचक थे. लेकिन ट्रंप के आने के बाद से दोनों देशों के बीच की कड़वाहट तेजी से खत्म हुई है और अब दोनों ही देश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर आकर्टिक क्षेत्र में आर्थिक सहयोग को लेकर विचार कर रहे हैं.

राष्ट्रपति पुतिन के विदेशी निवेश और आर्थिक सहयोग के दूत किरिल दिमित्रिएव कहते हैं, 'हम कुछ क्षेत्रों में अमेरिका के साथ मिलकर विभिन्न निवेश अवसरों पर काम करने के लिए तैयार हैं.'

दिमित्रिएव इस संबंध में पहले से ही अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रहे हैं. दिमित्रिएव ने कहा, 'हम आर्कटिक में सहयोग के लिए तैयार हैं. हम लॉजिस्टिक्स और अन्य क्षेत्रों में सहयोग करना चाहते हैं जहां दोनों क्षेत्रों को फायदा हो सके. लेकिन इससे पहले कि कोई समझौता हो, मेरा सुझाव है कि यूक्रेन में युद्ध समाप्त होना चाहिए.'

क्या रूसी अधिकारी अमेरिका की रूस नीति में आए बड़े बदलाव से हैरान हैं?

रूस की एफएसबी (फेडरल सिक्योरिटी सर्विस) के पूर्व प्रमुख निकोलाई पात्रुशेव और पुतिन के प्रमुख सहयोगी ने आकर्टिक फोरम में के अवसर पर बीबीसी से बात करते हुए कहा,'अमेरिका में दो पार्टियां हैं जो एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा करती हैं. जब डेमोक्रेट्स सत्ता में थे, तो उनका अलग नजरिया था. रिपब्लिकन्स का अलग नजरिया है. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वो रूस के नजरिए से सहमत हैं. केवल इतनी सी बात है कि उनका अपना नजरिया है, जिसे वो बढ़ावा दे रहे हैं और हम उनके साथ सहयोग कर रहे हैं.'

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