भारत-पाकिस्तान सीमा पर भयंकर आत्मघाती हमले का निशाना भारतीय थे. एक अंग्रेजी अखबार ने खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर यह कहा. उसका कहना है कि आत्मघाती हमलावर भारतीयों को मारना चाहता था लेकिन उससे चूक हो गई.
समझा जाता है कि वह आत्मघाती सिखों के एक बड़े जत्थे को निशाना बनाने आया था. दरअसल वहां से सिखों का एक बड़ा जत्था लाहौर के पास ननकाना साहिब जाने वाला था जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ और उनकी जयंती मनाई जाने वाली थी. पाकिस्तान सरकार ने उन्हें इसिलिए वीजा दिया था. पाकिस्तान के आतंकी गिरोहों का निशाना संभवतः वही जत्था था. वैसे भी वह आतमाघाती हमलावर भारत की सीमा की तरफ बढ़ रहा था जिसे पाक रेंजरों ने रोक दिया था.
61 बेगुनाहों की जान लेने वाले हमलावर की अभी तक पहचान नहीं हुई है और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां अभी तक हवा में हाथ-पैर मार रही हैं. पाकिस्तान में दर्जनों कट्टर इस्लामी गिरोह हैं जो इस तरह के कामों को अंजाम देते रहते हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि आत्मघाती हमला पाकिस्तान की अंदरूनी राजनीति में चल रहे विवादों का नतीजा है. समझा जाता है कि वहां आपसी मतभेद बढ़ गए हैं जिसका नतीजा यह हमला है. दरअसल वहां सरकारी और गैर सरकारी कई गुट हैं जो नहीं चाहते कि भारत और पाकिस्तान में बातचीत हो. वे दोनों के बीच शत्रुता बढ़ाना चाहते हैं. इस हमलावर का भी इरादा भारतीयों को नुकसान पहुंचाने का था लेकिन वह बम वहीं फट गया.