अगर आप चाहते हैं कि हर साल आपका अच्छा इन्क्रीमेंट हो तो दुआ कीजिए कि आपके बॉस की एक बिटिया जरूर हो.
जी हां, एक रिसर्च के मुताबिक जो पुरुष एक बेटी के पिता होते हैं वे दफ्तर में उदार होते हैं और अपने कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी देते हैं. इस अध्ययन से पता चला है कि एक बेटी की मौजूदगी से पुरुष दूसरों की परवाह करने लगते हैं.
इस अध्ययन का मकसद यह समझना था कि आखिर कुछ धनी व्यक्ति दूसरों की तुलना में ज्यादा उदार क्यों होते हैं? कुछ अरबपति बहुत सारे पैसे दान करने के लिए जाने जाते हैं. उदाहरण के लिए बिल गेट्स, जिन्होंने 18 बिलियन पाउंड्स चैरिटी में दे दिए, जबकि कई अरबपतियों ने कुछ भी दान नहीं किया.
अमेरिका की डेनमार्क की आलबोर्ग यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड और कोलंबिया बिजनेस स्कूल के शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की कि अमीर पुरुष दान करने के लिए किसी चीज से प्ररित होते हैं.
शोधकर्ताओं ने पता लगाया कि 10,000 से ज्यादा डेनमार्क की कंपनियों के चीफ एग्जीक्यूटिव्स ने एक दशक में अपने कर्मचारियों को कितनी सैलरी दी. इसमें सामने आया कि एक बच्चा होने के बाद चीफ एग्जीक्यूटिव्स ने प्रत्येक कर्मचारी के सालाना कॉम्पन्सेशन को औसतन 65 पाउंड्स कम कर दिया.
शोधकर्ताओं ने लिखा है कि यह आम बता है कि कर्मचारियों की कीमत पर पुरुष चीफ एग्जीक्यूटिव्स कंपनी के संसाधनों को अपने और अपने परिवार की भलाई के लिए इस्तेमाल करते हैं.
विशेषज्ञों ने पाया कि जिन पुरुष चीफ एग्जीक्यूटिव्स बेटे के पापा हैं उनकी तुलना में जिनके घर में बेटियां थी उन्होंने अपने कर्मचारियों को ज्यादा सैलरी दी. यही नहीं चीफ एग्जीक्यूटिव्स ने बेटा होने के बाद वेतन घटा दिया, जबकि बेटी होने के बाद ऐसा नहीं किया गया.
दरअसल, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि बेटों की तुलना में बेटियां होने के बाद पिता ज्यादा परवाह करने लगते हैं. जब पिता अपनी बेटी के साथ उसकी गुड़िया के बाल बनाने लगता है तो उसका स्वभाव नम्र और दयालु हो जाता है.