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भोपाल गैस त्रासदी में वांटेड यूनियन कार्बाइड के पूर्व चीफ वारेन एंडरसन का निधन

भोपाल गैस त्रासदी मामले को एक गहरा धक्का लगा है. अब इस मामले में यूनियन कार्बाईड के हेड वारेन एंडरसन की कभी सुनवाई नहीं हो सकेगी. खबरों के मुताबिक एंडरसन अब इस दुनिया में नहीं रहे. फ्लोरिडा के एक नर्सिंग होम में 29 सितंबर को ही उनका देहांत हो चुका है. एंडरसन 92 साल के थे.

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भोपाल गैस कांड के अभियुक्त यूनियन कार्बाइड के चीफ वारेन एंडरसन
भोपाल गैस कांड के अभियुक्त यूनियन कार्बाइड के चीफ वारेन एंडरसन

भोपाल गैस त्रासदी मामले को एक गहरा धक्का लगा है. अब इस मामले में यूनियन कार्बाईड के हेड वारेन एंडरसन की कभी सुनवाई नहीं हो सकेगी. खबरों के मुताबिक एंडरसन अब इस दुनिया में नहीं रहे. फ्लोरिडा के एक नर्सिंग होम में 29 सितंबर को ही उनका देहांत हो चुका है. एंडरसन 92 साल के थे.

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परिवार ने उनके मौत की घोषणा नहीं की, जो अब पब्लिक रिकॉर्ड से सामने आया है. भोपाल गैस कांड मामले में एंडरसन की भूमिका की जांच के लिए भारत सरकार बार-बार उनके प्रत्यर्पण का प्रयास करती रही लेकिन वो कभी कामयाब नहीं हो सकी.

3 दिसंबर 1984 की सुबह हुई इस घटना में यूनियन कार्बाइड से निकली जहरीली गैस से कुल 3,787 लोगों की मौत हुई. हादसे से अब भी यह शहर उबर नहीं पाया है. यूनियन कार्बाइड से निकली जहरीली गैस के सैकड़ों लोगों की मौत नींद में ही हो गई. इस गैस रिसाव का प्रभाव फैक्ट्री के आस-पास की झुग्गियों में सबसे अधिक हुआ.

भोपाल गैस त्रासदी पूरी दुनिया के औद्योगिक इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है. यूनियन कार्बाइड की फैक्टरी में टैंक नंबर 610 में जहरीली मिथाइल आइसोसाइनाइट गैस के पानी से मिल जाने के कारण करीब 40 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था.

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इसके चार दिनों बाद एंडरसन घटनास्थल पर गए. तब इसकी बहुत तारीफ की गई. वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन जमानत देने के तुरंत बाद उन्होंने भारत छोड़ दिया और फिर कभी ट्रायल के लिए वहां नहीं गए.

भोपाल गैस कांड के पांच महीने बाद एंडरसन ने एक इंटरव्यू में उस दुखद घटना के बारे में कहा था, ‘सुबह सो कर उठते ही सोचा कि क्या कभी ऐसा हो सकता है? और तभी जानकारी मिलती है कि यह हो चुका है. यह वो घटना थी जिसकी वजह से आप लंबे समय तक संघर्ष करने वाले हैं.’

भारत सरकार ने एंडरसन के प्रत्यर्पण की अथक कोशिश की और अंततः उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया गया.

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