चीन लगातार तेजी से अपनी सैन्य ताकत में इजाफा कर रहा है, जिससे भारत की चिंता बढ़ गई है. अब ड्रैगन ने पाचवीं पीढ़ी के जे-20 स्टील्थ फाइटर जेटको निर्धारित समय से पहले पीएलए एयरफोर्स में शामिल कर लिया है. हालांकि यह विमान चीनी वायुसेना को 2019 तक सौंपा जाना था. चीन के गुपचुप तरीके से जे-20 स्टील्थ फाइटर के पीएलए में शामिल होने से भारत की चिंता बढ़ना लाजमी है.
चीनी सरकारी मीडिया के मुताबिक जे-20 स्टील्थ फाइटर अमेरिका के एफ-22 लड़ाकू विमान का मुकाबला करने में सक्षम है. सैन्य विशेषज्ञों की माने तो जे-20 स्टील्थ फाइटर के शामिल होने से पीएलए एयरफोर्स की मारक क्षमता में काफी इजाफा होगा.
भारतीय सीमा पर तैनात किए जाने की बात आ चुकी है सामनेसोशल मीडिया पर इसकी तस्वीर को भी बकायदा जारी की गई थी। हालांकि उस समय पीएलए ने इसका खंडन कर दिया था. उसने कहा था कि फिलहाल जे-20 का परीक्षण किया जा रहा है और इसको सबसे पहले मैदानी इलाके में तैनात किए जाने की संभावना है.चीन ने सियाचीन में तैनात करने से किया था इनकार पीएलए ने कहा कि तिब्बत के पठार के एयरपोर्ट पांचवीं पीढ़ी के इस लड़ाकू विमान को उतारने के लिए ठीक नहीं हैं. लिहाजा इसको पहली बार तिब्बत के पठारी इलाके में तैनात किए जाने की संभावना नहीं है. हालांकि पीएलए ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि इस लड़ाकू विमान को सबसे पहले कहां तैनात किया जाएगा.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर में सियाचीन के दाओचेंग याडिंग एयरपोर्ट पर यह विमान तैनात नजर आ रहा था, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो पाई. भारतीय सीमा से सटे इस इलाके में भारत के एयरपोर्ट हैं, जिसके चलते चीन यहां पर निगाह गड़ाए हुए है. माना जा रहा है कि भारत के ब्रह्मोस मिसाइल के जवाब में चीन सीमा पर जे-20 को तैनात करेगा।