अमेरिका में शुक्रवार का दिन डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के अलावा छिटपुट हिंसा और पुलिस एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के भी नाम रहा. इस दौरान पुलिस ने ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह स्थल से कुछ ही दूरी पर 'तोड़फोड़' में शामिल करीब 100 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया.
नव नियुक्त ट्रंप प्रशासन की कथित विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करने के लिए शुक्रवार सुबह से वाशिंगटन में बड़ी तादाद में प्रदर्शनकारी जमा हुए थे. वहीं हजारों प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप के विरोध में 'यूएस कैपिटोल' की ओर मार्च किया.
वाशिंगटन के मुख्य इलाके में नकाबपोश प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. यह जगह नए राष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित सैन्य परेड के रास्ते से थोड़ी ही दूरी पर है.
इससे पहले नेशनल प्रेस क्लब के बाहर एक ट्रंप विरोधी प्रदर्शन का आयोजन किया गया, जहां पुलिस ने लोगों को तितर-वितर करने के लिए पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया. पुलिस की ओर से पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किए जाने के साथ कुछ प्रदर्शनकारियों ने भीड़ के बीच में धुएं के गोले छोड़े.
समाचार चैनल एनबीसी न्यूज के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने एक इमारत की दीवार पर प्रोजेक्टर के माध्यम से दो संदेश दिखाया, जिनमें से एक में कहा गया है कि 'क्रूर राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाया जाए.' वहीं एक प्रदर्शनकारी ने ट्रंप स्टाइल की टोपी जलाई. इन्हीं प्रदर्शनकारियों में शामिल देसबा रोजास नाम के एक शख्स ने कहा, 'वे श्वेत नस्ली फासीवादी लोग हैं.'
बता दें कि ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने ताजा सर्वेक्षण में बताया कि अमेरिका में ज्यादातर लोग मानते हैं कि देश पूरी तरह बंट चुका है. इस सर्वेक्षण में शामिल 86 फीसदी लोगों ने कहा कि अतीत के मुकाबले आज का अमेरिका राजनीतिक रूप से ज्यादा बंट चुका है.