'आसमान से गिरा और खजूर में अटका' यह कहावत आज पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर सटीक बैठ रही है. जेल में बंद इमरान पर पहले टॉयलेट जाते समय तक निगरानी की जा रही थी. उन्होंने इसकी शिकायत की और अब उनके लिए एक स्पेशल टॉयलेट तैयार कर दिया गया है. कमाल की बात यह है कि इस टॉयलेट की ऊंचाई सिर्फ 5 फीट है. जबकि इमरान खान की हाइट 6 फीट से भी ज्यादा है. यानी एक परेशानी से निकलने के बाद इमरान के सामने अब दूसरी समस्या खड़ी हो गई है.
पंजाब की अटक जेल के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इमरान ने कोर्ट से अपनी शिकायत में कहा था कि उन्हें खराब जगह पर रखा जा रहा है. उनकी प्राइवेसी का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. उनकी इस कम्प्लेंट के बाद ही अटक जेल में नया टॉयलेट तैयार किया गया है. दरवाजे सहित इसकी ऊंचाई 5 फीट रखी गई है.
बता दें कि इमरान खान ने अटक के जिला एवं सत्र न्यायाधीश को शिकायती पत्र लिखा था. उनके पत्र लिखने के बाद जज ने खुद उनकी बैरक का दौरा किया था. दौरे के बाद जज ने इमरान खान की शिकयतों को सही बताया था. जज ने दौरे के बाद कहा था कि जेल में इमरान की निजता का उल्लंघन किया जा रहा है. उनके बाथरूम में तक प्राइवेसी नहीं है. उनकी टिप्पणी के बाद ही इमरान की बैरक में न्या टॉयलेट बनाया गया.
6 फीट की दूरी पर लगा था सीसीटीवी कैमरा
न्यायाधीश जब इमरान की बैरक का दौरा करने पहुंचे थे, तब इमरान ने उन्हें बताया था कि उनकी बैरक के ठीक सामने एक सीसीटीवी कैमरा लगा है. यह कैमरा 5 या 6 फीट की दूरी पर है और बिना गेट के टॉयलेट को भी कवर करता है. पंजाब जेल विभाग (PPD) के प्रवक्ता के मुताबिक पाकिस्तान जेल नियम के तहत आने वाली सभी सुविधाएं इमरान खान को मुहैया कराई जा रही हैं. उनके लिए जो नया टॉयलेट बनाया गया है, उसकी दीवरें 5 फीट ऊंची रखी गई हैं. इसमें एक वेस्टर्न कमोड और वॉश बेसिन भी लगाया गया है.
दरअसल, इमरान को सी कैटेगरी की जेल में रखा गया है. उन्होंने जज से शिकायत कर कहा था कि जिस कोठरी में उन्हें रखा गया है, वह बेहद छोटी है. इमरान खान को इस छोटी कोठरी में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया. इस सीसीटीवी कैमरे की जद में उनका बाथरूम भी आता है. यानी जेल में नहाने से लेकर शौच करने तक सबकुछ सीसीटीवी कैमरे में कैद होती थी.
3 साल की सजा, 5 साल चुनाव लड़ने पर रोक
इमरान खान को तोशाखाना मामले में 3 साल की सजा हुई है. इसके अलवा चुनाव आयोग ने उन पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान को पांच साल तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया है. इमरान खान ने तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के निचली अदालत के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि 'ट्रायल कोर्ट द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें सजा दिया जाना न्यायाधीश का पक्षपाती फैसला था. यह पूरी तरह निष्पक्ष सुनवाई के चेहरे पर तमाचा है. इसके साथ ही यह न्याय व उचित प्रक्रिया का मजाक उड़ाने जैसा है.
क्या है तोशाखाना मामला?
> इमरान पर अपने कार्यकाल 2018 से 2022 के बीच पद का दुरपयोग करने का आरोप है. उन पर विदेश यात्राओं के दौरान मिले सरकारी उपहार को सस्ते दामों में खरीदने और भारी मुनाफे में बेचने का आरोप लगा था. इन उपहारों की कीमत 140 मिलियन रुपये (635,000 अमेरिकी डॉलर) से ज्यादा थी.
> इमरान खान ने कहा था, एक देश के राष्ट्रपति ने मेरे घर पर एक गिफ्ट भिजवाया था, जो मैंने तोशाखाना में जमा करा दिया. मैंने ये गिफ्ट उनकी मूल लागत से 50 फीसदी की दर पर खरीदे हैं. इमरान खान को उनके साढ़े तीन साल के प्रधानमंत्री पद के कार्यकाल के दौरान दुनियाभर के कई नेताओं से 14 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत के 58 गिफ्ट मिले थे. उन्होंने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री का ब्योरा पेश नहीं किया था.
> ट्रायल कोर्ट ने यह आरोप सही पाए और इमरान को दोषी ठहराया. उसके बाद शनिवार को सजा का ऐलान किया.
> पिछले साल पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने इसी मामले में इमरान को अयोग्य घोषित कर दिया था. ईसीपी ने 21 अक्टूबर 2022 को इमरान को तोशाखाना मामले में झूठे बयान और गलत घोषणा करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया था.
> चुनाव आयोग ने इमरान पर पांच साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध भी लगा दिया था. हालांकि बाद में हाई कोर्ट ने आयोग के इस फैसले को पलट दिया था.
> हाई कोर्ट ने कहा था- इमरान खान चुनाव के लिए अयोग्य नहीं हैं. सभी के लिए एक मानक होना चाहिए. इस मामले में जल्दबाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.
> पाकिस्तान में तोशाखाना एक सरकारी विभाग है, जहां अन्य सरकारों के प्रमुखों, विदेशी हस्तियों द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसदों, नौकरशाहों और अधिकारियों को दिए गए उपहारों को रखा जाता है. इन उपहारों को संग्रहित और लेखा-जोखा रहता है.
इमरान खान कैसे फंसे?
> इमरान को पीएम के तौर पर यूरोप और खासकर अरब देशों की यात्रा के दौरान बहुत से कीमती तोहफे मिले थे. इमरान ने बहुत से तोहफों की तो जानकारी ही नहीं दी, जबकि कई तोहफों को कम कीमत में खरीद लिया और बाहर जाकर बड़ी कीमत पर बेच दिया. इस पूरी प्रक्रिया को उनकी सरकार ने बाकायदा अनुमति भी दी थी.
> इमरान ने चुनाव आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपए में खरीदा गया था और इन्हें बेचकर उन्हें करीब 5.8 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, कफलिंक का एक जोड़ा, एक महंगा पेन, एक अंगूठी और चार रोलेक्स घड़ियां सहित कई अन्य उपहार भी थे.
> दुबई के एक कारोबारी ने दावा किया था कि उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोहफे में मिली एक बेशकीमती घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीदी. यह घड़ी सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने इमरान खान को दी थी. दुबई के इस कारोबारी का नाम उमर फारूक जहूर है.
> उमर का दावा था कि इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी की एक करीबी फराह खान से उनकी दुबई में मुलाकात हुई थी, जिसके बाद उन्होंने यह घड़ी खरीदी. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, पीटीआई सरकार 40 से 50 लाख डॉलर में यह घड़ी बेचना चाहती थी. लेकिन बातचीत के बाद मैंने यह घड़ी 20 लाख डॉलर में खरीद ली.
> उमर ने बताया कि फराह खान के कहने पर ही नगद पैसा दिया गया. पाकिस्तान में 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को अपने आधिकारिक विदेशी दौरों के दौरान अमीर अरब मुल्कों से महंगे तोहफे मिले थे, जिन्हें तोशाखाना में जमा करा दिया गया था. उमर ने बाद में इन्हीं तोहफों में से एक महंगी घड़ी कम दाम पर खरीद ली.