अफगानिस्तान के काबुल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गुरुवार को हुए हमले में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई. ISIS-K द्वारा किए गए इस आतंकी हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई है. जानकारी के मुताबिक हमले के बाद अब शुक्रवार को एक बार फिर काबुल एयरपोर्ट से रेस्क्यू मिशन शुरू हो गया है. इसी बीच काबुल को लेकर अमेरिका की तरफ से भी बयान जारी किये गए हैं.
पेंटागन प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि एक जांच होगी और हम काबुल एयरपोर्ट पर हमले के बारे में जितना हो सके उतना जानने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि हम कल के हमले में पीड़ित अफगान लोगों के लिए अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम देश को टूटते हुए नहीं देखना चाहते हैं.
वहीं आर्मी मेजर जनरल विलियम "हैंक" टेलर का कहना है कि एयरपोर्ट पर अभी भी लगभग 5,400 व्यक्ति अफगानिस्तान से बाहर उड़ानों की प्रतीक्षा कर रहे हैं. हमारे पास अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य एयरलिफ्ट पर निकाले गए लोगों को शामिल करने की क्षमता है. ISIS हमें इस मिशन को पूरा करने से नहीं रोकेगा.
इसके अलावा रॉयटर्स ने अमेरिकी सेना के मेजर जनरल विलियम टेलर के हवाले से रिपोर्ट दी है कि हमें विश्वास नहीं है कि बैरन होटल में या उसके पास दूसरा ब्लास्ट हुआ था, यह एक आत्मघाती हमला था.
अमेरिका ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, साथ ही चेतावनी भी दी है कि आतंकियों को इस हमले की कीमत चुकानी होगी. बीते दिन हमले के तुरंत बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में पहुंचे, जहां से वो लगातार हर गतिविधि पर नज़र रख रहे थे. बता दें कि ये बीते 20 साल में अमेरिकी सेना पर हुआ इस तरह का सबसे बड़ा आतंकी हमला में से एक है.