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बेलाग: कौन किसे बम मार रहा है?

पश्चिम एशिया में रोज आने वाली बमबारी और हिंसा की खबरों को समझ पाना बड़ा पेचीदा लगता है. वहां बमबारी पर नजर डालें तो सारा मामला बड़ा दिलचस्प नजर आता है, जिसमें सियासी सत्ता को बनाए रखने के लिए मजहब का जमकर इस्तेमाल होता दिखता है.

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Syria
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पश्चिम एशिया में रोज आने वाली बमबारी और हिंसा की खबरों को समझ पाना बड़ा पेचीदा लगता है. आम पाठकों को लगता है कि अरब देशों में ऐसा होता रहता है, सो इस तरह की खबरों को वे ज्यादा तवज्जो नहीं देते. लेकिन वहां बमबारी पर नजर डालें तो सारा मामला बड़ा दिलचस्प नजर आता है, जिसमें सियासी सत्ता को बनाए रखने के लिए मजहब का जमकर इस्तेमाल होता दिखता है.

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सऊदी अरब यमन के हूतियों पर बमबारी कर रहा है. वह कतर के साथ सीरिया और इराक में इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक और सीरिया (आइएसआइएस) पर हमला कर रहा है. अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देश के विमान सीरिया और इराक में आइएसआइएस पर बमबारी कर रहे हैं. जॉर्डन सीरिया में आईएसआईएस पर बमबारी कर रहा है, उसके युवा पाइलट को आईएसआईएस के लड़ाकों ने जिंदा जला दिया था.

ईरान इराक में आईएसआईएस के ठिकानों पर बमबारी कर रहा है. मिस्र लीबिया में कथित आईएसआईएस लड़ाकों पर हमले कर रहा है, क्योंकि उन्होंने कॉप्टिक ईसाइयों के खून से मेडिटेरेनियन या भूमध्य सागर के साहिल को लाल कर दिया था. इन सबके बीच इजराइल फलस्तीन के अलावा सीरिया पर बमबारी करता है, लेकिन वहां उसके निशाने पर आईएसआईएस नहीं बल्कि ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह के जवान होते हैं. सीरियाई तानाशाह को हिज्बुल्लाह का समर्थन हासिल है.

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अब इसे ऐसे समझिए
सऊदी अरब और खाड़ी देशों के सुन्नी यमन में शिया हूतियों पर बमबारी कर रहे हैं. वे सीरिया और इराक में सुन्नियों (आइएसआइएस) को निशाना बना रहे हैं. अमेरिका और पश्चिमी देशों की मुख्यत: ईसाई फौजी सीरिया और इराक में सुन्नियों पर गोले दाग रहे हैं. जॉर्डन के सुन्नी इराकी सुन्नियों पर आग बरसा रहे हैं. ईरानी शिया इराकी सुन्नियों पर बमबारी कर रहे हैं. मुख्यत: यहूदी इस्राइली सीरिया के शियाओं को निशाना बना रहे हैं.

धर्म संकट
सऊदी अरब ने यमन पर हमला करने से पहले इस अभियान में पाकिस्तान को भी शामिल होने का न्योता दिया था, जिसे नवाज शरीफ सरकार ने ठुकरा दिया था. अब एक बार फिर सऊदी रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान से कहा है कि सऊदी अरब की हिफाजत (और शायद यमन पर हमला) करने के लिए फौज भेजे. वे चाहते हैं कि पाकिस्तान सिर्फ सुन्नी फौजियों को ही भेजे.

बताया जाता है कि पाकिस्तान की फौज में 30 फीसदी शिया हैं और पहली बार देश की अवाम, हुकूमत और फौज आतंकियों से लडऩे के लिए कुछ हद तक एकजुट नजर आ रही है. पाकिस्तान मुख्यत: सुन्नी आतंकियों से त्रस्त है और सुन्नी बहुल देश उनसे निबटने के लिए तैयार है. ऐसे में पाकिस्तान के दोस्त सऊदी अरब ने उसके सामने धर्मसंकट खड़ा कर दिया है.

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