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इथियोपियाः यात्री बस पर बड़ा हमला, 34 लोगों की मौत

इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग ने अपने एक बयान में कहा कि बेनीसंगुल-गुमुज क्षेत्र में शनिवार रात को हुए हमले से मारे गए लोगों की अनुमानित संख्या 34 से भी ज्यादा बढ़ सकती है. स्वतंत्र सरकारी निकाय मानवाधिकार आयोग के एक प्रवक्ता ने मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि है.

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EHURC का दावा, हमले में बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या (सांकेतिक फोटो)
EHURC का दावा, हमले में बढ़ सकती है मरने वालों की संख्या (सांकेतिक फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • हमले में बढ़ सकती है मरने वालों की संख्याः EHURC
  • अक्टूबर में जोन में हुए ऐसे ही हमले में 12 लोग मारे गए

इथियोपिया राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (EHURC) ने रविवार को दावा किया कि बंदूकधारियों ने पश्चिम इथियोपिया में एक यात्री बस पर एक "भीषण" हमला किया जिसमें कम से कम 34 लोग मारे गए. 

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इथियोपिया के मानवाधिकार आयोग ने अपने एक बयान में कहा कि बेनीसंगुल-गुमुज क्षेत्र में शनिवार रात को हुए हमले में मारे गए लोगों की अनुमानित संख्या 34 से भी ज्यादा बढ़ सकती है. स्वतंत्र सरकारी निकाय मानवाधिकार आयोग के एक प्रवक्ता ने मारे गए लोगों की संख्या की पुष्टि है.

समाचार एजेंसी AFP ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के हवाले से लिखा कि आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बस हमला डिबेट प्रशासनिक क्षेत्र में हुआ, साथ ही "तीन अन्य क्षेत्रों में" भी इसी तरह के हमलों की खबर है, जहां पर "लोग भागकर शरण लेने के लिए गए थे."

प्रधानमंत्री अबिया अहमद अली की सरकार ने बेनीशंगुल-गुमुज के मेटेकेल जोन के डिबेट में हुई हिंसा को लेकर संक्षिप्त जानकारी दी है. इससे पहले सितंबर के अंतिम दिनों में इसी तरह के हुए हमले में 15 लोगों की मौत हो गई थी जबकि अक्टूबर में जोन में हुए हमले में 12 लोग मारे गए थे.

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अक्टूबर में सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री अबी ने कहा कि हत्याओं के लिए जिम्मेदार लड़ाके पड़ोसी सूडान में प्रशिक्षण और आश्रय प्राप्त कर रहे हैं. क्षेत्र में स्थिरता के लिए खारतूम की मदद की बात कही थी.

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इथियोपिया के उत्तरी टाइग्रे क्षेत्र में बेनिशंगुल-गामुज और सैन्य अभियानों में हिंसा को लेकर आपसी लिंक की कोई जानकारी नहीं है, जिसमें अब तक सैकड़ों लोग मारे गए हैं और सूडान में सीमा पर भाग रहे 20,000 से अधिक लोग भाग गए हैं.

विपक्षी राजनेताओं ने बेनिशंगुल-गामुज में हुई हिंसा को जातीय रूप से प्रेरित बताया है.

 

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